दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर के वार्ड कमिटी और पावरफुल कमिटी स्टैंडिंग के चुनाव की घोषणा के साथ ही शह मात के खेल में बारी थी आम आदमी पार्टी की. AAP के बाउंसबैक से बीजेपी को डबल झटका लगा. नरेला से पार्षद रामचंद्र ने 4 साथियों समेत बीजेपी ज्वाइन कर ली थी, लेकिन ठीक पांचवें दिन बीजेपी के ‘राम’ को मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी का पटका पहना दिया.
आप से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी छोड़कर गए कुछ और पार्षदों से संपर्क चल रहा है और एक-दो दिन में कुछ लोगों की घर वापसी हो सकती है. दूसरा झटका तब लगा जब आम आदमी पार्टी के पार्षद वार्ड कमिटी के चुनाव को रिशेड्यूल कराने के लिए कोर्ट पहुंच गए. आम आदमी पार्टी के दक्षिणपुरी से पार्षद प्रेम चौहान ने हाई कोर्ट में इस बाबत याचिका लगा दी और दिल्ली के कमिश्नर अश्विनी कुमार को पत्र लिखा.
सबसे पावरफुल स्टैंडिंग कमेटी और वार्ड कमेटी के चुनाव की घोषणा के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर चुनाव को reschedule करने को कहा. दरअसल स्टैंडिंग और वार्ड कमेटी के चुनाव की घोषणा हो चुकी है. 30 अगस्त तक नॉमिनेशन की अंतिम तारीख है और 4 सितंबर को चुनाव निश्चित है. ऐसे में सिर्फ 1 दिन का वक्त मिला जो किसी भी लिहाज से ठीक नही है. दक्षिणपुरी से पार्षद प्रेम चौहान ने कमिश्नर को लिखे पत्र में तबीयत खराब होने का हवाला दिया और पत्र में लिखा कि सिर्फ 1 दिन देना लोकतंत्र का काला अध्याय है.
आम आदमी पार्टी ने क्यों उठाया कदम?
दरअसल उपराज्यपाल द्वारा बीजेपी के 10 पार्षदों को नॉमिनेट करने के बाद एमसीडी के 12 जोन में से केवल 5 जोन में ही बीजेपी को बहुमत था, लेकिन 4 दिन पहले आम आदमी पार्टी के 5 पार्षदों ने बीजेपी जॉइन कर ली थी. इसके बाद बीजेपी 7 जोन में आगे हो गई थी. बीजेपी में गए आप पार्षद राम चंद्र के कमबैक के बाद भी बीजेपी को 7 जोन में ही बहुमत है, लिहाजा चुनाव हुआ तो न केवल आप के पार्षदों को टूटने का खतरा होगा, बल्कि सबसे पावरफुल कमिटी स्टैंडिंग पर बीजेपी का कब्जा हो जाएगा लिहाजा चुनाव टाले जाने का फैसला हुआ तो आप को डैमेज कंट्रोल के लिए वक्त मिल जाएगा. सिर्फ 5 जोन में ही आम आदमी पार्टी बहुमत में है.
एमसीडी नेता प्रतिपक्ष का पलटवार
दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने आम आदमी पार्टी पर दिल्ली का विकास रोकने के लिए स्थायी समिति का गठन न होने के लिए अलग-अलग चुनावी हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया है. पहले स्थायी समिति के भाजपा के तीन सदस्यों के जीतने के मुद्दे पर आप हाईकोर्ट गई तो वहां से भी उसे मुंह की खानी पड़ी. इसके बाद उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त एल्डरमैन को सुप्रीम कोर्ट तक में चुनौती दी तब भी सुप्रीम कोर्ट ने माननीय उपराज्यपाल के निर्णय को सही ठहराया. जब-जब सारे रास्ते बंद हो गए महापौर को मजबूरन वार्ड कमेटियों और स्थायी समिति के चुनाव कराने के आदेश देने पड़े.
अब जब निगम सचिव ने वार्ड कमेटियों के चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है तो अब आप नेता अपने पार्षदों को मोहरा बनाकर चुनाव टलवाने की कोशिश कर रहे हैं. 18 माह तक आप ने स्थायी समिति का गठन तक नहीं होने दिया. इतना ही नहीं दिल्ली की सफाई व्य़वस्था को भी ध्वस्त कर दिया. अब जब वार्ड़ कमेटियों के चुनावों के नामांकन होने हैं तो आप पार्षद बीमारी का नाटक कर रहे हैं. सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि भाजपा शुक्रवार को अपने प्रत्याशियों का नामांकन कराएगी. भाजपा सभी 12 जोन में अपने प्रत्याशी उतारेगी और जीत दर्ज करेगी.
राम किंकर सिंह