BJP के 'हिंदुत्व कार्ड' का तोड़ ले आए नीतीश कुमार?: दिन भर, 7 नवंबर

छत्तीसगढ़ और मिज़ोरम में आज विधानसभा चुनाव का माहौल क्या रहा, बिहार में जातिगत सर्वे से जुड़े आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े क्या कहानी बयां करते हैं, दिल्ली-एनसीआर की फ़िज़ा में घुले भयंकर प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में आज क्या सुनवाई हुई और डीपफेक टेक्नोलॉजी क्या है और इसके बेजा इस्तेमाल को लेकर क़ानून की किताब में क्या लिखा है, सुनिए आज के 'दिन भर' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.

Advertisement
din bhar podcast din bhar podcast

कुमार केशव / Kumar Keshav

  • ,
  • 07 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:49 PM IST

क्रिकेट वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल शुरू होने में अभी हफ्ते भर का समय बचा है, मगर लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल शुरू हो चुका है. शुरुआत छत्तीसगढ़ और मिज़ोरम असेम्ब्ली इलेक्शंस से हो चुकी है. आज छत्तीसगढ़ की 20 और मिज़ोरम की सभी 40 सीटों पर वोट डाले गए. छत्तीसगढ़ में आपको पता ही है, भूपेश बघेल की सरकार है. हालाँकि, बीजेपी नेता और पूर्व सीएम डॉक्टर रमण सिंह ने बीस में से 14 सीटें जीतने का दावा किया.

Advertisement

छत्तीसगढ़-मिज़ोरम: चुनाव का माहौल क्या रहा?

उधर, सूरजपुर ज़िले के बिश्रामपुर में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली की और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. इस बीच सुकमा में सीआरपीएफ के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुई. तो इस मुठभेड़ को लेकर क्या जानकारियां सामने आई हैं और वहां चुनाव का कैसा माहौल रहा? इसके अलावा मिज़ोरम में चुनाव कितने रोचक रहे, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.

बिहार का 'इकोनॉमिक एक्सरे'

पिछले महीने 2 अक्टूबर को बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किये थे. बिहार की क़रीब 13 करोड़ आबादी में किस जाति के कितने लोग हैं, इस सर्वे में ये बात बताई गई थी. आज नीतीश सरकार बिहार विधानसभा में इस सर्वे से जुड़े आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े भी सामने लेकर आई. इसके मुताबिक, बिहार की सिर्फ 7% आबादी ग्रेजुएट है और राज्य में 94 लाख से अधिक परिवार गरीब हैं. 

Advertisement

इस सर्वे पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि नौ पार्टियों के परामर्श से यह सर्वे कराने का निर्णय लिया गया था जिसे अब विधानसभा में पेश कर दिया गया है. लगे हाथ उन्होंने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भी रख दिया. इसमें उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 2 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) व अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 43 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है. तीनों को मिलाकर ये 65 फीसदी हो जाता है. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए मिलने वाला 10 प्रतिशत आरक्षण जोड़ें तो टोटल 75 पर्सेंट हो जाता है. तो विधानसभा में पेश किये गए आंकड़ों की बड़ी बातें क्या रहीं और रिजर्वेशन बढ़ाने का दांव कितना बड़ा मुद्दा बन सकता है आने वाले चुनावों में, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी

दिल्ली-एनसीआर के लोग आजकल गैस चैंबर में जी रहे हैं. एयर क्वालिटी इतनी ख़राब है कि सांस लेना दूभर हो रहा है. थोड़े सुधार के बाद आज AQI 400 के पार रहा. डॉक्टर्स मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं और सरकार भी तरह तरह के गाइडलाइन्स जारी कर रही है. इस बीच आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान जस्टिस संजय किशन कौल का रवैया सरकारों पर काफी सख्त दिखा. पराली जलाने से लेकर पटाखे जलाने पर कोर्ट ने टिप्पणी की. 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे एक हफ्ते में बताएं कि उन्होंने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए क्या किया. इन सब के इतर दिल्ली सरकार की आज बैठक हुई जिसमें ये तय होना था कि 13 से 20 नंबर तक दिल्ली में लागू होने वाली ऑड ईवन फॉर्मूला के किस तरह के नियम बनाएं जाएं. तो इन सब मसलों पर सुप्रीम कोर्ट में क्या सुनवाई हुई, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.

Advertisement

Deep fake टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है?

हम टेक्नॉलजी वर्ल्ड में जी रहे हैं. इसका यूज़ कर लोग खुद को एडवांस कहते हैं. खुद को मॉर्डर्न बताते हैं. मगर थोड़ा सतर्क हो जाएं. क्योंकि टेक्नॉलजी जितना आपका मुनाफा करा सकती है, उतना ही ये घाटे का सौदा भी साबित हो सकती है. ताज़ा उदाहरण फिल्म एक्टर रश्मिका मंदाना हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक लड़की लिफ्ट से बाहर आती है. दिखने में वो रश्मिका मंदाना लग रही है. लोग यही सोच सोचकर उसपर कमेंट कर रहे हैं कि वो वीडियो रश्मिका मंदाना का है लेकिन हकीकत जब सामने आई तो सबके होश उड़ गए. 

 

ये एक डीपफेक टेक्नोलॉजी से क्रिएट किया गया वीडियो था. असल में ये वीडियो ज़ारा पटेल नाम की एक इंस्टा इंफ्लूएंसर का है. वीडियो के वायरल होने के बाद रश्मिका ने अपनी चिंता जाहिर की. अमिताभ बच्चन ने भी कहा कि इस तरह की टेक्नोलॉजी लोगों के लिए ख़तरा बन सकती हैं. पिछले साल वो इसी टेक्नॉलजी के डर से सुप्रीम कोर्ट गए थे और कोर्ट ने ये आदेश दिया कि अमिताभ की अनुमति के बिना उनकी आवाज़ और चेहरे का इस्तेमाल कोई नहीं कर सकता. ताज़ा मामले के बाद केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को एडवाइजरी जारी की है और आईटी इंटरमीडियरी रूल्स का पालन करने के लिए कहा है. तो ये डीप फेक टेक्नॉलजी क्या हैऔर ये काम कैसे करता है और इस तरह के फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए भारत में क्या कानून हैं, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement