महाराष्ट्र CM के बयान पर कर्नाटक के डिप्टी CM का पलटवार- केंद्र शासित प्रदेश घोषित हो मुंबई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जहां विवादित क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग कर डाली, वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने भी उनपर पलटवार किया है. सावदी ने कहा कि हमारे यहां के लोग चाहते हैं कि मुंबई को कर्नाटक में शामिल किया जाना चाहिए.

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कर्नाटक के डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी (फाइल फोटोः फेसबुक) कर्नाटक के डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी (फाइल फोटोः फेसबुक)

नागार्जुन

  • बेंगलुरु,
  • 28 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST
  • कहा- कर्नाटक में शामिल किया जाए मुंबई को
  • कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद ने पकड़ा तूल

कर्नाटक और महाराष्ट्र का सीमा विवाद एक बार से तूल पकड़ता नजर आ रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जहां विवादित क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग कर डाली, वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने भी उनपर पलटवार किया है. सावदी ने कहा कि हमारे यहां के लोग चाहते हैं कि मुंबई को कर्नाटक में शामिल किया जाना चाहिए.

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उन्होंने मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की भी मांग की. सावदी ने कहा कि मुंबई कर्नाटक का है. कर्नाटक के लोगों का कहना है कि मुंबई लंबे समय तक कर्नाटक में रहा है. मुंबई पर हमारा अधिकार है. कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारी मांग है कि मुंबई को कर्नाटक में शामिल किया जाए. कर्नाटक में शामिल किए जाने तक मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए.

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इससे पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने सीमा विवाद को लेकर एक पुस्तक का विमोचन करने के बाद कर्नाटक पर विवादित क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया था. उद्धव ठाकरे ने कर्नाटक सरकार की ओर से अपनी आवाज उठाने पर विवादित क्षेत्र के लोगों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जाने के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान किया था.

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उद्धव ने इस विवाद से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का उल्लेख करते हुए विवादित क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वे केंद्र सरकार से भी इस दिशा में कदम उठाने की मांग करेंगे. गौरतलब है कि कर्नाटक के बेलगाम जिले के कई इलाकों पर महाराष्ट्र अपना दावा करता है.

बता दें कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच आजादी के पहले से ही सीमावर्ती इलाकों को लेकर विवाद रहा है, लेकिन इस विवाद ने 1956 में भाषाई आधार पर दोनों राज्यों के पुनर्गठन के बाद और जोर पकड़ लिया. इसके लिए महाराष्ट्र एकीकरण समिति गठित की गई थी. महाराष्ट्र की ओर से कर्नाटक के बेलगाम, करवर, निपाणी और अन्य क्षेत्रों समेत 865 से अधिक गांवों पर दावा किया जाता रहा है. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी हाल ही में यह कहा था कि एक इंच जमीन भी महाराष्ट्र को नहीं दी जाएगी.

 

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