राजधानी दिल्ली में रायसीना हिल्स के विजय चौक बीटिंग बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी समारोह जारी है. 1952 से चली आ रही इस परंपरा को गणतंत्र दिवस के समापन समारोह के तौर पर मनाया जाता है. कार्यक्रम की चीफ गेस्ट सेनाओं की प्रमुख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं. इसके साथ ही इस आयोजन में पीएम मोदी और तीनों सेनाओं के चीफ भी शिरकत कर रहे हैं.
शंखनाद के साथ हुई सेरेमनी की शुरुआत
तीनों सेनाओं के बैंड ने सेरेमनी की शुरुआत में सबसे पहले 'शंखनाद' किया. CAPF बैंड भारत के जवान और विजय भारत का संगीत पेश किया. इंडियन एयरफोर्स के बैंड ने टाइगर हिल, रेजोइस इन रायसीना और स्वदेशी म्यूजिक बजाया. इंडियन नेवी के बैंड ने INS विक्रांत, Mission चंद्रयान, जय भारती और हम तैयार हैं की धुनें पेश कीं. इंडियन आर्मी के बैंड ने फौलाद का जिगर, अग्निवीर, कारगिल 1999 और ताकत वतन की हमसे है.. का म्यूजिक बजाकर वीरता का भाव भर दिया.
लेफ्टिनेंट कर्नल विमल जोशी हैं समारोह के मुख्य संचालक
समारोह का मुख्य संचालक लेफ्टिनेंट कर्नल विमल जोशी ने किया. वहीं भारतीय सेना के बैंड के कंडक्टर सूबेदार मेजर मोती लाल, भारतीय नौसेना के बैंड के कंडक्टर हैं एम एंटनी, भारतीय वायुसेना के बैंड के कंडक्टर अशोक कुमार और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के बैंड की कंडक्टर रानी देवी हैं.
बैंड पर प्रस्तुति के साथ बनाया चक्रव्यूह, कमलदल
बीटिंग दी रिट्रीट के दौरान बैंड पर धुनें बजाते हुए सेना के बैंड पथ संचलन करते हुए, दल के साथ अलग-अलग आकृति बनाते हैं, जो बेहद आकर्षक होती हैं. विजय चौक पर अपनी प्रस्तुति देते हुए बैंड ने कभी चक्रव्यूह बनाया, कभी राष्ट्रीय पुष्प कमल, कभी स्वास्तिक की आकृति बनाकर लोगों को चकित कर दिया.
हर साल देश की राजधानी दिल्ली में देश की सेनाओं द्वारा बीटिंग रिट्रीट का आयोजन किया जाता है. इसे गणतंत्र दिवस समारोह का समापन मानते हैं. इस दिन दिल्ली के विजय चौक पर सेनाओं द्वारा परेड किए जाने का नजारा देखने और उन्हें सम्मान देने के लिए देश के राष्ट्रपति और कई लोग इस रिट्रीट में पहुंचते हैं. इस सेरेमनी के बाद सेनाएं अपने बैरक में वापस लौट जाती हैं.
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