आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस बार की रामनवमी बहुत विशेष है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है. इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की गई. रामलला का दिव्य सूर्याभिषेक हुआ. इस मौके पर राम मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया है.
रामनवमी के मौके पर राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए थे. कहा जा रहा है कि रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. ऐसे में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है. दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक किया गया. अयोध्या के राम मंदिर में हो रहे विशेष रामनवमी कार्यक्रम की हर अपडेट यहां पढ़ें:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के सूर्याभिषेक के मौके पर जय श्रीराम के नारे लगाए. उन्होंने दुनियाभर के रामभक्तों से आग्रह किया था कि वे इस अद्भुत क्षण के साक्षी जरूर बनें. पीएम मोदी ने कहा कि दिव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है, जिसमें प्रभु श्रीराम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवसर भी आया है. दुनियाभर के राम भक्तों से मेरा आग्रह है कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें.
राम मंदिर में इस समय अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. आस्था और विज्ञान के संगम से रामलला का सूर्याभिषेक किया गया. इस दौरान रामलला का ललाट सूर्य की किरणों से जगमग हो उठा. 500 साल के इतिहास में पहली बार श्रीराम का सूर्याभिषेक हुआ है. देखें Exclusive तस्वीरें...
रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्याभिषेक हो गया है.
आज के विशेष मौके के लिए रामलला की विशेष परिधान डिजाइन की गई है, जो पीले पीतांबर रंग की है. इसमें खादी और हैंडलूम का इस्तेमाल किया गया है. इस परिधान को तैयार करने में वैष्णो संप्रदाय के प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही गोल्ड और सिल्वर धागों का इस्तेमाल हुआ है. रामलला के वस्त्रकार मनीष त्रिपाठी का कहना है कि रामलला के परिधान को तैयार करने में 20 से 22 दिन का समय लगता है. रामलला के वस्त्रों में मखमली कॉटन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि अंदर से सॉफ्ट रहे.
रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि अलग-अलग दिन के हिसाब से रामलला के लिए अलग-अलग रंग के परिधान निर्धारित किए गए हैं. सोमवार को रामलला की प्रतिमा को सफेद रंग के परिधान पहनाए जाते हैं. मंगलवार को गुलाबी, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीले और रविवार को लाल रंग के परिधान तय किए गए हैं.
रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्यतिलक का नजारा बहुत अद्भुत होगा. सूर्य की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ेगी. यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो जाएंगी. फिर पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरेगी और लंबे पाइप के गर्भगृह वाले सिरे पर लगे शीशे से टकराएगी. गर्भगृह में लगे शीशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक लगाएंगी और लगातार पांच मिनट तक प्रकाशमान होंगी.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद पहली बार मंदिर में रामनवमी का जश्न मनाया जा रहा है. इस मौके पर दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्याभिषेक किया जाएगा. शुभ मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक होगा. दोपहर 1.35 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे रामलला विराजमान हो चुके हैं. रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है. पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आजहमें ये रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है. यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है.
अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिमा को दिव्य आभूषणों से सजाया गया है. इस दौरान रामलला के विशेष परिधान भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि रामलला को 56 भोग चढ़ाया गया है. आज रामनवमी का उत्सव है. आज के दिन सबकुछ विशेष है.
रामनवमी की विशेष पूर्जा के लिए 56 तरह का भोग तैयार किया गया है. इस विशेष भोग को रामलला को चढ़ाया जाएगा. यह भोग भक्तों को भी दिया जाएगा. रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रामनवमी को लेकर ट्रस्ट ने हर तरह की तैयारियां की हैं.
राम मंदिर के निर्माण के बाद ये रामलला की पहली रामनवमी है. इस दौरान रामलला का सूर्याभिषेक किया जाएगा. ठीक 12.16 बजे रामलला की मूर्ति के ललाट पर पांच मिनट के लिए सूर्य की किरणें पड़ेंगी. लेंस और शीशे से टकराकर किरणें रामलला के मस्तक तक पहुंचेंगी. इसे लेकर वैज्ञानिकों की टीम ने पूरी व्यवस्था कर रखी है. रामलला की मूर्ति के सूर्याभिषेक का नजारा बहुत अद्भुत होगा. राममलला के सूर्यतिलक के दौरान भक्तों को राम मंदिर के भीतर जाने की मंजूरी दी जाएगी. सूर्यतिलक के लिए मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 100 एलईडी लगाई हैं जबकि सरकार की ओर से 50 एलईडी की व्यवस्था की गई है.
आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस बार की रामनवमी बहुत विशेष है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है. इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. रामलला का सूर्याभिषेक होगा. इस मौके पर राम मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया है. रामनवमी के मौके पर राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए थे.भक्त रात 11 बजे तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे. ऐसे में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है.