जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपने अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान में सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया.
अब भारतीय सेना ने स्वदेशी सैन्य तकनीक की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है. सेना देशभर के अहम सैन्य स्थलों पर - पोखरण, बाबीना, जोशीमठ, आगरा और गोपालपुर में अगले पीढ़ी की रक्षा तकनीकों का परीक्षण कर रही है.
इस परीक्षण का उद्देश्य है कि युद्ध जैसे हालातों में स्थिति से निपटना. इन रक्षा तकनीकों की क्षमता का पूरी तरह से इवैल्यूएशन किया जा सके.
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 27 मई को बाबीना फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने परीक्षणों की समीक्षा की. साथ ही उन्होंने, जवानों, इंजीनियरों और रक्षा उद्योग के रेप्रेसेंटेटिवेस से मुलाकात की.
भारतीय सेना की ओर से किए गए परीक्षण 'डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन' योजना का हिस्सा है. ये परिक्षण 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन के अंतर्गत विकसित स्वदेशी तकनीकों पर केंद्रित हैं.
इन मूल्यांकनों के जरिए, भारतीय सेना का लक्ष्य अपनी तकनीकी बढ़त को मजबूत करना है. यह पहल देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत कर रही है.
यह भी पढ़ें: निवेश के नाम पर रिटायर नौसेना अधिकारी से 2 करोड़ की ठगी, 6 गिरफ्तार
परीक्षण की जा रही प्रमुख रक्षा प्रणालियां
aajtak.in