मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी बने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नए अध्यक्ष, इंदौर में हुआ फैसला

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया है. शनिवार को इंदौर में हुई पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया गया है. बीते 13 अप्रैल मौलाना राबे हसन नदवी के देहांत के बाद अध्यक्ष पद की सीट खाली हुई थी. राबे हसन नदवी 2002 से लगातार 21 साल से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष थे.

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मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (फाइल फोटो) मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (फाइल फोटो)

आशीष श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2023,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं. शनिवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में चली दो दिवसीय बैठक के बाद सैफुल्लाह रहमानी को यह पदभार सौंपा गया है. इससे पहले मौलाना राबे हसनी नदवी बोर्ड के अध्यक्ष थे. बीते 13 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद, उनका निधन हो गया था. इसके बाद से ही बोर्ड के अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली थी. अब AIMPLB के सदस्यों ने सर्वसम्मति से मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को नया अध्यक्ष चुन लिया है. 

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जनरल सेक्रेटरी थे रहमानी
बता दें कि मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. वह इससे पहले बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी भी थे. अप्रैल 2021 में पूर्व जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी के निधन के बाद उन्हें कार्यकारी जनरल सेक्रेटरी के तौर पर नियुक्ति दी गई थी. इसके बाद नवंबर 2021 में ही कानपुर में जलसा-ए-आम में उन्हें स्थाई जनरल सेक्रेटरी बनाया गया. 

1973 में हुआ था बोर्ड का गठन
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का गठन 7-8 अप्रैल 1973 को हुआ था. ये बोर्ड ऐसे वक्त में बनाया गया था जब भारत सरकार समानांतर कानून के जरिए भारतीय मुसलमानों पर लागू होने वाले शरिया कानून को खत्म करने की कोशिश कर रही थी. इस दौरान दत्तक ग्रहण विधेयक संसद में पेश किया गया था. इस विधेयक को समान नागरिक संहिता की दिशा में पहला कदम कहा गया.

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ये है स्थापना का मकसद
हजरत मौलाना कारी तैय्यब कासमी, मौलाना सैयद शाह मिन्नतुल्लाह रहमानी, मौलाना सैयद निजामुद्दीन, मौलाना अली मियां और मौलाना सैयद निजामुद्दीन सहित देश भर के मुस्लिम उलेमा ने एकजुट होकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का गठन किया. स्थापना का मकसद देश में पर्सनल लॉ की हिफाजत करना और देश में मुसलमानों के मुद्दों को सरकार के सामने रखना है. 

पर्सनल लॉ बोर्ड के चार अध्यक्ष 
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पहले अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद तैय्यब, दूसरे अध्यक्ष मौलाना अली मियां. इसके बाद मुजाहिदुल इस्लाम और फिर अध्यक्ष मौलाना सैय्यद मोहम्मद राबे हसनी नदवी बने. राबे हसन नदवी 2002 से लगातार 21 साल से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष थे. इस तरह पिछले करीब 21 साल से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष थे और अब उनकी जगह नए अध्यक्ष की तलाश हो रही थी, जिसका चुनाव इंदौर में पूरा हुआ. 

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ढांचा 
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में कुल 251 सदस्य हैं. इसके 102 संस्थापक सदस्य हैं. इसके साथ ही 149 आम सदस्य होते हैं. बोर्ड में 30 महिला सदस्य भी हैं. इन सदस्यों के चुनाव के लिए हर 3 साल बाद चुनाव कराए जाते हैं. बोर्ड को एक अध्यक्ष, 5 उपाध्यक्ष, एक महासचिव, 4 सचिव, एक कोषाध्यक्ष और 39 सदस्य मिलकर चलाते हैं.

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