संसद के बजट सत्र के पहले दिन ही लोकसभा में एक बार फिर नीट परीक्षा पेपर लीक को लेकर घमासान शुरू हो गया और विपक्षी दलों के नेता सरकार पर हमलावर हो गए. इस दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कई तीखे सवाल पूछे और कहा कि ये सरकार किसी और चीज का रिकॉर्ड बनाए न बनाए, पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी.
नीट परीक्षा पेपर लीक मामले पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'ये सरकार किसी और चीज का रिकॉर्ड बनाए न बनाए, पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी, मुझे इसके बैकग्राउंडर में नहीं जाना कि कब, कैसे, किस संस्था को बनाया गया है, पूरे देश के छात्र इस पर आंदोलित थे, लगातार अखबार और सीबीआई की जांच के बाद चीजें सामने आ रही हैं, लोग पकड़े जा रहे हैं. जेल भेजे जा रहे हैं.'
अखिलेश यादव ने आगे कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं, क्या सेंटर वाइज जिन बच्चों को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं, उनकी सूची जारी होगी? कई सेंटर ऐसे हैं, जहां 2 हजार ढाई हजार बच्चे पास कर गए. सरकारी सीटें 30 हजार हैं. कई प्रदेश की ऐसी जगह है जहां 650 से ज्यादा नंबर हैं. अगर वो संस्था इतनी क्रेडिबल थी, तो जिन सेंटर पर ये परीक्षा हुई? उसका इंफ्रास्ट्रक्चर क्या था? क्या मंत्री जी ने इस बात की जानकारी ली थी.
शिक्षा मंत्री प्रधान ने दी सफाई
धर्मेंद्र प्रधान पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये मंत्री जी जब तक रहेंगे तब तक बच्चों को न्याय नहीं मिलेगा. वहीं विपक्ष के सवालों की बौछार पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा, 'पिछले सात साल में पेपरलीक को लेकर कोई सबूत नहीं हैं. यह केस पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. चीफ जस्टिस इस पर सुनवाई कर रहे हैं. एनटीए के बाद 240 एग्जाम हुए हैं. 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने अप्लाई किया और 4.5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने इसमें भाग लिया है.'
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