'आगरा के लाल किले की बेगम मस्जिद में दबी हैं भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां', निकलवाने के लिए कोर्ट में दायर हुई याचिका

आगरा के लाल किले में मौजूद बेगम मस्जिद को लेकर नया दावा हुआ है. मामला अब कोर्ट में पहुंच चुका है. ज्ञानवापी मस्जिद, कृष्णजन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद का विवाद पहले से अदालत में है.

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आगरा के लाल किले में बेगम मस्जिद मौजूद है (फाइल फोटो) आगरा के लाल किले में बेगम मस्जिद मौजूद है (फाइल फोटो)

अमित भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:34 PM IST
  • आगरा के लाल किले से जुड़ी याचिका सिविल कोर्ट में दायर
  • दावा - बेगम साहिबा की मस्जिद की सीढ़ियों में दफन हैं मूर्तियां

मंदिर मस्जिद के विवाद में एक नया नाम और जुड़ गया है. अब दावा हुआ है कि आगरा के लाल किले की बेगम मस्जिद में श्रीकृष्ण के विग्रह (मूर्तियां) दफन हैं. अब इनको निकालने की मांग हुई है. सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में इसको लेकर याचिका दायर हुई है.

इससे पहले मथुरा के कृष्णजन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद विवाद, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई हो रही है. कुतुब मीनार का मामला भी कोर्ट में है. इसके अलावा कल ही अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है.

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यह याचिका श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले से ही जुड़ी है, जिसपर सिविल जज सीनियर डिवीजन पहले से सुनवाई कर रहे हैं. यह याचिका मथुरा के एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह, श्यामलाल पंडित और मनमोहन दास ने दायर की है.

आगरा के लाल किले का मामला पहुंचा कोर्ट

ताजा मामला आगरा के लाल किले से जुड़ा है. याचिकाकर्ताओं की मांग है कि आगरा के लाल किले की बेगम साहिबा मस्जिद में भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह हैं, जिनको निकाला जाना चाहिए. गुजारिश की गई है कि श्रीकृष्ण के विग्रह की मूल गर्भगृह की जगह पर प्राण प्रतिष्ठा की जानी चाहिए.

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याचिका के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण (केशव देव) के मंदिर को औरंगजेब ने तोड़कर भगवान के विग्रहों को बेगम साहिबा की मस्जिद की सीढ़ियों में दफन कराया था. याचिकार्ता ने कहा कि हिंदू विग्रह को पैरों तले खूंदने से कृष्ण भक्तों की भावनाएं आहात हो रही हैं.

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ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग का दावा

विश्वेश्वर मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद का मामला पहले से वाराणसी जिला कोर्ट में है. इसपर अगली सुनवाई 30 मई को होनी है. हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद वाली जगह पर ही पुराना विश्वेश्वर मंदिर (काशी विश्वनाथ मंदिर) था. वहां एक कुएं में मिले पत्थर को शिवलिंग भी बताया जा रहा है.

ज्ञानवापी मस्जिद (फाइल फोटो)

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गुरुवार को कोर्ट की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखी थीं. मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का विरोध किया है. इस सर्वे की लीक रिपोर्ट में दावे हुए थे कि मस्जिद के अंदर मंदिर से जुड़े कुछ सबूत और शिवलिंग मिला है.

मथुरा में चल रहा विवाद

काशी के बाद दूसरा बड़ा विवाद मथुरा में चल रहा है. वहां कृष्णजन्मभूमि के पास ईदगाह मस्जिद को कहीं और शिफ्ट करने की मांग हुई है. कहा गया है कि ये जमीन भी मस्जिद की है. मामला फिलहाल सिविल कोर्ट में सुना जा रहा है. कृष्णजन्मभूमि ट्रस्ट ने 13 एकड़ से ऊपर की उस जमीन के कागज भी कोर्ट के सामने रखें हैं, जो कि ट्रस्ट के ही नाम है. इसमें मस्जिद वाला इलाका भी शामिल है.

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मथुरा में ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद

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कुतुब मीनार की मस्जिद वाले विवाद पर 9 जून को आएगा फैसला

दिल्ली के कुतुब मीनार में स्थित Quwwatul Islam मस्जिद पर भी विवाद है. हिंदू पक्ष का दावा है कि 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर यह मस्जिद निर्माण हुआ था. हिंदू पक्ष की मांग है कि उनको वहां फिर से पूजा का अधिकार मिलना चाहिए. पहले मस्जिद की जगह मंदिर निर्माण की बात कही गई थी, जिससे अब हिंदू पक्ष ने अपने पैर पीछे खींच लिये हैं. मामला फिलहाल साकेत कोर्ट में सुना जा रहा है, जिसपर अगली सुनवाई 9 जून को होनी है जिसमें फैसला सुनाया जा सकता है.

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इस मामले में एडीजे निखिल चोपड़ा ने कहा कि 9 जून को आर्डर आएगा जिसमें कोर्ट तय करेगा कि याचिका को मंजूरी देते हुए मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू जैन देवी देवताओं की पूजा की इजाजत दी जाए या नहीं.

अजमेर की दरगाह को बताया शिवालय

यह ताजा विवाद गुरुवार को सामने आया. राजस्थान के अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा गरीब दरगाह को अब महाराणा प्रताप सेना ने मंदिर होने का दावा किया है. संगठन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को भी पत्र लिख कर इसकी जांच कराने के लिए कहा है. 

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महराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने एक तस्वीर भेजी है, जिसमें अजमेर दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान बने हुए हैं. सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार दावा कर रहे हैं कि अजमेर की हजरत ख़्वाजा गरीब नवाज दरगाह एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह बना दिया गया.

 

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