नवसारीः चलती ट्रेन में इमरजेंसी खिड़की से गिरी 3 साल की बच्ची, चमत्कारिक बचाव

खिड़की से गिरने पर बच्ची की मां ने तुरंत ही लोगों को बेटी के गिर जाने की खबर दी तो नवसारी के अमलसाड स्टेशन के पास ट्रेन को चीन खींचकर रोका गया. पूरी जानकारी स्टेशन मास्टर को दी गई और स्टेशन मास्टर ने तुरंत ही रेलवे पुलिस को इसकी जानकारी दी.

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इमरजेंसी खिड़की से गिरने के बाद भी सुरक्षित बची बच्ची मां के साथ (फोटो-गोपी) इमरजेंसी खिड़की से गिरने के बाद भी सुरक्षित बची बच्ची मां के साथ (फोटो-गोपी)

गोपी घांघर

  • नवसारी ,
  • 25 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:05 AM IST
  • बच्ची के गिरने के बाद मां के कहने पर रोकी गई ट्रेन
  • स्टेशन मास्टर ने तुरंत ही रेलवे पुलिस को दी जानकारी
  • बिलिमोरा के रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों में पड़ी मिली

मुंबई से इंदौर की ओर जा रही अवंतिका एक्सप्रेस रेलगाड़ी में एक परिवार सवार था. उनके साथ उनकी 3 साल की बच्ची भी थी. 3 साल की मासूम बच्ची चलती ट्रेन की इमरजेंसी खिड़की से अचानक नीचे गिर गई.

बच्ची की मां ने तुरंत ही लोगों को बेटी के गिर जाने की खबर दी तो नवसारी के अमलसाड स्टेशन के पास ट्रेन को चीन खींचकर रोका गया. पूरी जानकारी स्टेशन मास्टर को दी गई और स्टेशन मास्टर ने तुरंत ही रेलवे पुलिस को इसकी जानकारी दी.

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सूचना मिलने पर बच्ची की खोजबीन शुरू की गई. आनन-फानन में रेलवे पुलिस ने ट्रेन के आसपास बनी सभी झाड़ियों को चेक करना शुरू किया तो बिलिमोरा के आरपीएफ जवान को रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों में बच्ची पड़ी हुई मिली. बच्ची बुरी तरह से घायल थी उसे तुरंत ही नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया जहां उसका इलाज कराया गया. फिलहाल बच्ची स्वस्थ और सुरक्षित है.

चलती एक्सप्रेस ट्रेन से गिरी बच्ची सुरक्षित हाल में मिलने पर बच्ची के माता-पिता रेलवे विभाग का शुक्रिया अदा करते नहीं थकते हैं. बच्ची की मां का कहना है कि हम वापी से देवास जा रहे थे. खिड़की खुली हुई थी और अचानक मेरी बेटी नीचे गिर गई. मैंने सब को यह जानकारी दी और सबने मिलकर मेरी बेटी को बचा लिया. मैंने महसूस किया जब मेरी बेटी खिड़की से गिर गई तो मानो मेरी जान चली गई थी और जब वह मुझे मिली तब मेरी जान में जान वापस आई है. गनीमत यह है कि मेरी बेटी सुरक्षित है.

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रेलवे ट्रैक पर गिरने के बावजूद बच्ची को ज्यादा चोट नहीं आई है. डॉक्टर का कहना है कि बच्ची फिलहाल पूरी तरह सुरक्षित है. उसके सिर पर और पैर में मामूली चोट है जिससे अस्पताल से एक-दो दिन में छुट्टी दे दी जाएगी.

चलती ट्रेन से बच्ची का गिर जाना और वह भी सुरक्षित बजाना शायद इसीलिए कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके ना कोई.

 

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