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हिंसा और हंगामे की भेंट चढ़ा दिल्ली में गणतंत्र दिवस, 10 तस्वीरों में देखिए दिनभर का हाल

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST
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केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकाली. लेकिन इस दौरान आंदोलनकारी किसानों और पुलिस में झड़प हो गई. प्रदर्शकारियों का एक गुट लाल किला पहुंच गया और अपना झंडा फहरा दिया.

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प्रदर्शनकारियों से झड़प में 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. इनमें से 45 को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. डीटीसी की 8 बसों 17 गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है. 26 जनवरी को पूरे दिन सिंघु, टिकरी और रेवाड़ी सहित दिल्ली की कुछ अन्य सीमाओं पर तनाव देखने को मिला. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा करने वालों पर एक्शन होगा, जबकि किसान संगठनों का कहना है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा.

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दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही किसानों को निर्धारित रास्तों पर ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी. लेकिन किसानों के सेंट्रल दिल्ली की ओर जाने की हठ के बाद अराजकता के हालात पैदा हो गए. जब हजारों की संख्या में किसान तय समय से पहले ही ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश करने लगे तो कई मौकों पर दिल्ली पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई.

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दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर बैरिकेडिंग का इंतजाम किया था, ताकि किसान शहर में न आ सकें. किसानों को कुल तीन सीमाओं से एंट्री की इजाजत मिली थी, जो 12 बजे के बाद से होनी थी. मगर सिंघु बॉर्डर के पास से सैकड़ों की संख्या में किसान वक्त से पहले ही ट्रैक्टर से रवाना हो गए. किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने काफी कोशिशें कीं. लेकिन किसानों ने जब बैरिकोड तोड़ आगे बढ़ने का फैसला लिया तो पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे.

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ट्रैक्टर परेड करते हुए प्रदर्शनकारी संसद से कुछ किलोमीटर की दूरी पर आईटीओ पहुंच गए और मध्य दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश की. इसके चलते प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. किसान सेंट्रल दिल्ली की ओर बढ़ने पर अड़ थे और इसकी वजह से अफरातफरी मच गई. कुछ जगह ट्रैक्टर पलटने की भी तस्वीर देखने को मिली.

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तैनात सुरक्षाकर्मी आंदोलित किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद तय समय पर परेड निकालें. लेकिन इस बीच, ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित रास्तों से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक गुट लालकिले में घुस गया और किले पर वहां झंडे फहरा दिए जहां 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाता है.

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पुलिस ने शाहदरा में चिंतामणि चौक पर किसानों पर उस समय लाठीचार्ज किया, जब उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ने और गाड़ियों के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए. सिख योद्धा निहंग की भी अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई. किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के कई बॉर्डर पर रात 12 बजे तक अस्थायी रूप से इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गईं. सिंघु, गाजीपुर, टिकरी, मुकरबा और नांगलोई बॉर्डर पर गृह मंत्रालय ने इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दीं. 

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बॉर्डर पर पुलिस और पैरामिलिट्री फ़ोर्स के जवान पहले की तरह ही तैनात हैं. कोशिश है कि दिन के हंगामे का असर बाद में न दिखे. जहां तक इंटरनेट का सवाल है उसे सिर्फ 26 जनवरी की रात 12 बजे तक के लिए बंद किया गया था, आगे प्रशासन हालात का जायजा लेने के बाद तय करेगा. पुलिस अब अलग अलग जगहों पर हुई हिंसा को देखते हुए एफआईआर भी दर्ज कर रही है.

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प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर रैली का समय गणतंत्र दिवस परेड के बाद का तय किया गया था. परेड के दौरान ही दिल्ली में अलग-अलग जगहों से किसानों और पुलिस के बीच गतिरोध देखने को मिला. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज की और आंसू गैस के गोले भी दागे. 

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रात साढ़े नौ बजे तक लाल किले में करीब 25 ट्रैक्टर और 60 से 70 किसान थे, जिनकी पुलिस से बात चल रही थी, पुलिस इन्हें शांति से वापस भेज दिया. ज्यादातर किसान बॉर्डर पर वापस लौट गए हैं. फिलहाल, मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में जो किसान ट्रैक्टर के साथ अंदर आये थे, उनमें से ज्यादातर वापस जा चुके हैं.

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