कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण लागू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को दी गई 40 दिन की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया। अनशन पर बैठने से पहले जरांगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मराठा आरक्षण पर फैसले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) ने मुझसे 40 दिन इंतजार करने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा (फैसला) नहीं किया इसलिए मैंने अपने गांव में आमरण अनशन करने का फैसला किया है।’’