'हमास के साथ भी बना सकते हैं गठबंधन', दशहरा रैली में शिंदे का उद्धव पर निशाना

मुंबई के आजाद मैदान में दशहरा रैली में बोलते हुए शिंदे ने कहा, अपने स्वार्थ के लिए, वे हमास और लश्कर-ए-तैयबा के साथ भी गठबंधन कर लेंगे. तो वहीं उद्धव ठाकरे ने मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली में बोलते हुए कहा, शिवसेना को चोरी करने का प्रयास किया जा रहा है.

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एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच वार-पलटवार एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच वार-पलटवार

मुस्तफा शेख

  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि उद्धव ठाकरे और उनका शिवसेना गुट अपने स्वार्थ के लिए आतंकवादी समूहों हमास और लश्कर-ए-तैयबा के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं. मुंबई के आजाद मैदान में दशहरा रैली में बोलते हुए शिंदे ने कहा, अपने स्वार्थ के लिए, वे हमास और लश्कर-ए-तैयबा के साथ भी गठबंधन कर लेंगे.

शिंदे ने यह बयान INDIA गठबंधन की पार्टी शिव सेना (यूबीटी) के कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ समझौते के संदर्भ में दिया.

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कांग्रेस और सपा के गठबंधन को लेकर साधा निशाना

2004 की एक घटना का जिक्र करते हुए, जब शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने कहा कि वह कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के पुतले को मारने के लिए चप्पल लेकर आए थे, शिंदे ने कहा, मणिशंकर अय्यर की तस्वीर पर जूते से हमला किया गया था. आज, वे (शिवसेना) यूबीटी) कांग्रेस के जूते उठा रहे हैं. शिंदे ने यह भी पूछा कि वे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ साझेदारी क्यों करेंगे, उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने उस पार्टी के साथ गठबंधन किया है जिसने कारसेवकों को गोलियों से मारा था.

बता दें कि 1990 में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पुलिस अधिकारियों को अयोध्या में कारसेवकों को बाबरी मस्जिद की ओर जाने से रोकने के लिए उन पर गोलियां चलाने के लिए कहा था.

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शिंदे ने यह भी कहा कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम देने के बाद, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 50 करोड़ रुपये की मांग की, जो अविभाजित पार्टी ने दान के माध्यम से एकत्र किया था. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इस बारे में एक कॉल आई और उन्होंने एक मिनट में पैसे दे दिए. 

ठाकरे ने भाजपा पर साधा निशाना

गौरतलब है कि शिवसेना के अलग-अलग गुटों का नेतृत्व करने वाले ठाकरे और शिंदे ने आज दशहरा के मौके पर अलग-अलग रैलियां कीं. वहीं शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है, लेकिन भारी बहुमत वाली एक पार्टी की नहीं. सेंट्रल मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली में बोलते हुए, ठाकरे ने कहा कि जब (शासक की) कुर्सी अस्थिर होती है, तो देश मजबूत हो जाता है. उन्होंने 'मिली-जुली सरकार' की वकालत की और मनमोहन सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारों का जिक्र किया.

शिंदे पर लगाया शिवसेना की चोरी का आरोप

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, हमने एक मजबूत सरकार देखी. एक मजबूत सरकार होनी चाहिए, लेकिन प्रचंड बहुमत वाली किसी एक पार्टी की नहीं. पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा या (इसके पूर्ववर्ती) जनसंघ ने देश की आजादी, मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम या संयुक्त (संयुक्त) महाराष्ट्र आंदोलन सहित किसी भी संघर्ष में कोई भूमिका नहीं निभाई.

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उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सेना की आलोचना करते हुए कहा, शिवसेना को चोरी करने का प्रयास किया जा रहा है. अपने प्रतिद्वंद्वियों को चेतावनी देते हुए ठाकरे ने कहा, सत्ता में आने के बाद, हम उन लोगों को उल्टा लटका देंगे जो हमें परेशान कर रहे हैं.

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