उस्ताद जाकिर हुसैन के तबले की थाप से झूम उठे यरवदा जेल के कैदी

दुनिया भर में अपने तबला वादन की वजह से मशूहर 'लिविंग लिजंड' उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने पुणे के यरवदा जेल में अपनी कला पेश की, जिसे सुन कर वहां मौजूद सैंकड़ों कैदी मंत्रमुग्ध हो गए. तबले पर उस्ताद के हाथों की थाप सुनने वालों के दिल पर छप रही थी.

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उस्ताद जाकिर हुसैन उस्ताद जाकिर हुसैन

पंकज खेळकर

  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 9:26 AM IST

दुनिया भर में अपने तबला वादन की वजह से मशूहर 'लिविंग लिजंड' उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने पुणे के यरवदा जेल में अपनी कला पेश की, जिसे सुन कर वहां मौजूद सैंकड़ों कैदी मंत्रमुग्ध हो गए. तबले पर उस्ताद के हाथों की थाप सुनने वालों के दिल पर छप रही थी. हत्या, बलात्कार और अपहरण आदि गंभीर जुर्म में सजा काट रहे कैदियों के मुंह से भी उनके हुनर पर 'वाह-वाही' निकले बिना ना रही.

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जाकिर हुसैन यहां तबले से ही रेलगाड़ी, शंख और डमरू जैसी आवाज निकाल कर यरवदा जेल के इन कैदियों को हैरत में डाल दिया. वहां मौजूद कुछ कैदियों का कहना था कि इस संगीतमय माहोल से उन्हें यह जेल की जगह संगीत नगरी लग रही थी.

यहां उस्ताद ने कैदियों को संदेश में कहा, 'जेल जाने का मतलब यह नहीं कि आपका जीवन खत्म हो गया. एक गलती हो गई, वह हो गई. अब सही राह का अनुशरण करें. आज तबले के जरिये आपसे मुलाकात हुई, लेकिन अपनी अगली मुलाकात मुंबई, पुणे के सभागृह में होनी चाहिए. जेल की दीवारों के बाहर मैं आपका इंतजार करूंगा.

इस कार्यक्रम में जेल की महिला अधिकारी तेजश्री पवार ने भी उस्ताद जाकिर हुसैन के सामने तबला वादन किया. वहीं एक कैदी ने मोहम्मद रफी का गाना भी गाया.

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