महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है. एनसीपी नेता अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है. इसके साथ ही उनके 9 विधायक भी शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. उनके साथ पार्टी के 18 विधायक हैं. भाजपा-शिवसेना गठबंधन को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने का अजित पवार का फैसला 2024 से पहले विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा झटका है. इस बीच एनसीपी ने अजित पवार और 9 अन्य विधायकों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को पास अयोग्यता याचिका दायर की है.
शरद पवार के वफादार जितेंद्र आव्हाड ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि 'दोस्त' शरद पवार से 'दुश्मन' शरद पवार ज्यादा खतरनाक हैं.
अजित पवार ने कहा कि हम किसी को भी पार्टी से बाहर नहीं निकाल रहे हैं. विधायक हमारे साथ हैं. हम पार्टी का विस्तार कर रहे हैं और इसे आगे लेकर जाएंगे. महायुति सरकार महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करेगी. शरद पवार हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
महाराष्ट्र की सियासत में नए घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं. अजित पवार ने शिवसेना और बीजेपी के साथ मिलकर महायुति गठबंधन का ऐलान किया है.
अजित गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने दावा करते हुए कहा कि NCP की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल को पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया गया है.
अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने NCP पर दावा ठोंक दिया है. उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुनील तटकर को पार्टी अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया. सुनील तटकरे ही अब महाराष्ट्र में नियुक्ति करेंगे.
किसी भी विधायक को अयोग्य ठहराने का फैसला पार्टी या फिर चुनाव आयोग नहीं कर सकता. यह काम सिर्फ विधानसभा स्पीकर कर सकता है: प्रफुल्ल पटेल
शरद पवार के फैसले NCP के फैसले नहीं है. उन पर गौर नहीं किया जाएगा. अजित पवार एनसीपी के विधिमंडल के नेता रहेंगे. उन्हें आधिकारिक तौर पर चुना गया है. अनिल पाटिल अपने पद पर बने रहेंगे: प्रफुल्ल पटेल
एनसीपी से निष्कासित किए जाने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हम अजित पवार के नेतृत्व में सरकार में शामिल हुए थे. हमने एनसीपी के तौर पर कुछ फैसले लिए हैं , जिनके बारे में हम महाराष्ट्र के लोगों को बताना चाहते हैं. हमने पार्टी के लिए बड़े स्तर पर फैसले लिए हैं.आधिकारिक तौर पर एनसीपी ने मुझे कार्यकारी अध्यक्ष का पद दिया था. कार्यकारी अध्यक्ष से पहले मुझे उपाध्यक्ष चुना गया था.
अजित पवार की बगावत के बाद से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है. अब एनसीपी ने पार्टी गतिविधियों के आरोप में प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया है.
एनसीपी की अनुशासन समिति ने अजित पवार सहित नौ विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए प्रस्ताव पारित किया है. इन सभी विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में अयोग्य करार दिया गया है.
एनसीपी ने अकोला जिला के अध्यक्ष विजय देशमुख और मुंबई विभाग के कार्याध्यक्ष नरेंद्र राणे को भी शपथ विधि कार्यक्रम में हाजिर रहने के चलते पद से हटा दिया है.
NCP विधायक शिवाजीराव गरजे को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया है. यह एनसीपी की ओर से की गई पहली तरह की कार्रवाई है. शिवाजीराव गर्जे अजित पवार के करीबी हैं और वह शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे.
अजित पवार के महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं ने गुस्सा जाहिर करना शुरू कर दिया है. कल हुए शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उनके साथ प्रफुल्ल पटेल भी नजर आए थे, जिसके बाद आज दिल्ली में स्थित एनसीपी दफ्तर से प्रफुल्ल पटेल की तस्वीरें हटा दी गई हैं.
पार्टी में हुई बगावत के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने 5 जुलाई को नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. खास बात यह है कि इस बैठक में शामिल नेताओं और पदाधिकारियों को अपने साथ एफिडेविट लेकर आना होगा.
(इनपुट: साहिल जोशी, पंकज खेलकर)
अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस के घर पहुंचे हैं. इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने सभी विधायकों और सांसदों को आज दोपहर 3 बजे दादर के शिवाजी पार्क में दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के स्मारक पर इकट्ठा होने का आह्वान किया है. आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिंदे दोपहर 12.30 बजे ठाणे के आनंद आश्रम और फिर दादर में बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर अपने राजनीतिक गुरु आनंद दिघे का आशीर्वाद लेंगे.
सतारा पहुंचने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा है कि आज महाराष्ट्र और देश में कुछ समूहों द्वारा जाति और धर्म के नाम पर समाज के बीच दरार पैदा की जा रही है. पवार ने आगे कहा कि हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सेवा कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने हमारी सरकार गिरा दी. देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने 5 जुलाई को सभी नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है.
सतारा पहुंचने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा है कि आज महाराष्ट्र और देश में कुछ समूहों द्वारा जाति और धर्म के नाम पर समाज के बीच दरार पैदा की जा रही है. उन्होंने 5 जुलाई को सभी नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है.
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ अजित पवार के घर पर बागी गुट की बैठक हुई है, जिसमें वह सभी मंत्री शामिल रहे, जिन्होंने शिंदे सरकार को समर्थन दिया थ. जबकि, एनसीपी चीफ शरद पवार आज सतारा पहुंचे हैं. वह यहां एक एक रैली को संबोधित करेंगे. इस बीच अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर एनसीपी पर किसका दावा मजबूत है. इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर का कहना है कि विपक्ष के नेता की मान्यता विधानसभा प्रमुख करता है. कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी नियमों पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि इस समय अजित पवार के समर्थन में कितने विधायक हैं.
कल महाराष्ट्र सरकार में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ लेने वाले एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ आज अजित पवार के घर पहुंचे हैं. मुश्रीफ और अजित पवार के अलावा कल एनसीपी के 7 और नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. इस बीच एमएलसी अमोल मिटकारी अजित पवार के घर पर पहुंचे हैं.
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राऊत ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि आज गुरुपूर्णिमा है और हमारे गुरु बाला साहब ने हमें धैर्य की शिक्षा दी है. कल NCP नेताओं ने अपने गुरु के साथ बेईमानी की. जब कई चिताएं जल रही थीं और वे शपथ ले रहे थे. यह महाराष्ट्र की राजनीति का काला दिन है. जो नेता भ्रष्ट हैं उन्हें जेल में होना चाहिए लेकिन अब वे सरकार में हैं.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी पूरे एमवीए को तोड़ना चाहती है. 2024 के चुनाव के लिए हम सभी एक दूसरे के साथ हैं. बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. हम यूसीसी पर बहस करेंगे. हम मसौदे पर गौर करेंगे. महाराष्ट्र में पार्टी जमीन पर ताकतवर है, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी दोनों जमीन पर ताकतवर हैं.
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दावा किया है कि जल्द ही महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदलने जा रहा है. उन्होंने कहा है कि एकनाथ शिंदे को हटाया जाएगा और वह और उनके 16 विधायक अयोग्य हो जाएंगे.
नागपुर के बुटीबोरी उपनगर में फडणवीस को महाराष्ट्र का महाचाणक्य बताने वाला पोस्टर लगाया गया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक दौलत दरोडा ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि भले ही वह कल अजित पवार के साथ राजभवन में शपथ ग्रहण के दौरान मौजूद थे. लेकिन वह आज भी शरद पवार के साथ हैं, उनको मंत्री पद का भी ऑफर था, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री होंगे तो उस सरकार में मैं साथ नहीं रहूंगा.
(इनपुट: दीपेश त्रिपाठी)
एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद आज पार्टी चीफ शरद पवार सतारा के दौरे पर रहेंगे. यहां वह अपने गुरु यशवंतराव चव्हाण का आशीर्वाद लेकर सतारा के कराड में रैली को संबोधित करेंगे. सतारा दौरे के लिए पवार रवाना हो चुके हैं.
अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड अपना नियुक्ति पत्र लेकर महाराष्ट्र स्पीकर के दफ्तर पहुंचे. बता दें कि एनसीपी ने जितेंद्र आव्हाड को अपना मुख्य सचेतक नियुक्त किया है.
महाराष्ट्र में हुए हालिया घटनाक्रम के बाद कहा जा रहा है कि बीजेपी ने 2024 से ठीक छह महीने पहले विपक्षी एकता पर करारा प्रहार किया है. इसका घाटा सिर्फ शरद पवार को ही नहीं होगा, बल्कि बीते दिनों पटना में महाजुटान आयोजित करने वाले नीतीश कुमार समेत तमाम विपक्षी दलों को होगा. इसके अलावा अगले आम चुनावों में फिर से वापसी का सपना देख रही कांग्रेस को भी इससे चोट पहुंची है.
सुप्रिया सुले ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अजित पवार अब भी मेरे भाई हैं और उनके लिए दिल में हमेशा प्यार रहेगा. अगर कोई सीखना चाहता है कि संकट को अवसर में कैसे बदला जाता है, तो हमें शरद पवार को देखना चाहिए. समय तय करेगा कि हमें आगे बड़ा संघर्ष करना होगा या नहीं. एनसीपी हमारा परिवार है. मैं इसमें दो दशकों से अधिक समय से काम कर रही हूं. शरद पवार सभी को अपने बच्चे की तरह मानते हैं. आज जो संकट हुआ, उसके कुछ कारण हो सकते हैं. हम इसका विश्लेषण करेंगे.
एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बताया कि हमारी राज्य अनुशासन समिति में शिकायत की गई, जिसके बाद अयोग्यता याचिका विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल द्वारा दायर की गई है. हम इसे फिजिकली भी प्रस्तुत करेंगे. हमने इसे व्हाट्सएप और मैसेज पर भी सबमिट किया है. साथ ही हमने विधानसभा स्पीकर से कल जल्द से जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया है. हमने चुनाव आयोग से भी संपर्क किया है कि सभी जिलों के प्रभारी पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं.9 विधायक एक पार्टी नहीं हो सकते. उनके द्वारा ली गई शपथ पार्टी लाइन के खिलाफ है.
(इनपुट: ऋत्विक भालेकर)