महाराष्ट्र: कांग्रेस की ओर से अशोक चव्हाण और थोराट होंगे समन्वय समिति में

कांग्रेस की ओर से कमेटी में कौन होगा, इसपर फैसला लिया गया है. अशोक चव्हाण ने गुरुवार को कहा कि हमारी पार्टी की ओर से हमने फैसला लिया है कि इस कमेटी में मैं और बालासाहेब थोराट शामिल होंगे. 

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बेहतर प्रशासन के लिए सरकार ने बनाई समन्वय समिति (अशोक चव्हाण की फाइल फोटो) बेहतर प्रशासन के लिए सरकार ने बनाई समन्वय समिति (अशोक चव्हाण की फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:58 PM IST

  • बेहतर प्रशासन के लिए बनाई समन्वय समिति
  • तीनों पार्टियों से दो-दो मंत्री समिति में शामिल

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार को बेहतर रूप से चलाने के लिए समन्वय समिति बनाने का फैसला लिया गया. इस कमेटी में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के 2-2 मंत्री शामिल होंगे. ये सभी मंत्री एक दूसरे के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद करेंगे.

कांग्रेस की ओर से इस कमेटी में कौन होगा इसपर फैसला ले लिया गया है. राज्य सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट कांग्रेस की ओर से कमेटी में होंगे. अशोक चव्हाण ने गुरुवार को कहा कि हमारी पार्टी की ओर से हमने फैसला लिया है कि इस कमेटी में मैं और बालासाहेब थोराट शामिल होंगे.

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महाराष्ट्र में बेहतर प्रशासन के लिए सरकार ने छह सदस्यों की कमेटी बनाई है जिसमें चव्हाण और थोराट का नाम शामिल है. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार है जिसमें कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना सदस्य हैं. कांग्रेस ने कमेटी के लिए अपने दोनों मंत्रियों के नाम तो तय कर दिए हैं लेकिन शिवसेना ने अपने प्रतिनिधि का नाम घोषित नहीं किया है.

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कांग्रेस की तरह से इस कमेटी में शिवसेना से भी दो सदस्य नामित होने हैं लेकिन आधिकारिक रूप से इसका ऐलान नहीं किया गया है. हालांकि सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि कमेटी में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल शामिल हो सकते हैं. उधर कांग्रेस से थोराट और चव्हाण का नाम शामिल है. थोराट राजस्व मंत्री हैं और चव्हाण पीडब्लूडी मंत्री हैं.

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महाराष्ट्र सरकार की योजना है कि चुनाव पूर्व जो साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) बनाया गया था, उसे समय पर लागू कराया जाए. इसके लिए कमेटी बनाई गई है ताकि विकास के कार्यों की बेहतर ढंग से निगरानी हो सके. सरकार बनने के बाद मंत्री पद बंटवारे में देरी हुई जिसे लेकर कई तरह के कयास लगाए गए. लेकिन अंत में तीनों पार्टियों ने समहति से इसका निपटारा कर लिया.

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