महाराष्ट्र में जब से महा विकास अघाड़ी की सरकार बनी है मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नए फैसले की वजह से खबरों में रहते हैं. रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने मुंबई में 24 घंटे मॉल और मल्टीप्लेक्स खुले रखने का निर्देश जारी किया है. वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर महाराष्ट्र सरकार ने अम्मा कैंटीन की तर्ज पर 'शिव भोजन' थाली योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत लोगों को मात्र 10 रुपये में भोजन की थाली दी जाएगी.
'शिव भोजन' थाली में दो चपाती, एक सब्जी, चावल, दाल और एक मिठाई शामिल रहेगी, जो प्रति दिन दोपहर 12 बजे से अपराह्न दो बजे के बीच उपलब्ध रहेगी. शिवसेना सरकार ने तीन महीने के लिए 6.40 करोड़ रुपये बजट का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. बाद में लोगों के रिस्पांस को देखते हुए इसे विस्तार दिया जाएगा. फिलहाल कैंटीन को बाजारों, अस्पतालों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, सरकारी कायार्लयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर चलाने का ही निर्देश है.
थाली में क्या मिलेगा?
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया, 'ग्राहक इस थाली के लिए 10 रुपये देंगे, हालांकि शहरी इलाकों में इसकी लागत 50 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 35 रुपये बैठेगी. अंतर की राशि के भुगतान के लिए जिला प्रशासन को राज्य सरकार मुहेया कराएगी.
ये भी पढ़ें: संसद की कैंटीन में अब नहीं मिलेगा सस्ता खाना, खत्म होगी सब्सिडी!
जाहिर है शिवसेना ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में 10 रुपये प्रति थाली भोजना योजना शुरू करने का वादा किया था और महा विकास अघाड़ी सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का भी हिस्सा है.
बता दें, मुंबई में प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में लोग देश के अलग-अलग हिस्से से अपने सपने को पूरा करने की चाहत में पहुंचते हैं. कई बार लोगों को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ता है. इस दौरान सबसे अधिक तकलीफ खाने और रहने को लेकर होती है. ऐसे में अगर 10 रुपये में दोपहर का भोजन नसीब हो जाए तो बात ही क्या है.
हालांकि महाराष्ट्र इस तरह की योजना शुरू करने वाला इकलौता राज्य नहीं है. इससे पहले दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, यूपी, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी यह लागू हो चुका है.
दिल्ली में भी 10 रुपये की थानी
शुरुआत में केजरीवाल सरकार ने आम आदमी कैंटीन लाने की बात तो कही थी लेकिन इसे शुरु नहीं किया जा सका. आम आदमी कैंटीन के जरिए 5 रुपये में पौष्टिक नाश्ता और 10 रुपये में पौष्टिक खाना परोसने की योजना थी. वहीं दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम दिल्ली ने भी इसकी शुरुआत की थी. योजना के तहत 10 रुपये की थाली दी जानी थी लेकिन कुछ समय बाद ही इसे बंद कर दिया गया.
इससे पहले शीला दीक्षित सरकार में भी गरीबों को सस्ते दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए जन आहार योजना चलाई गई थी लेकिन यह भी बंद हो गई.
राजस्थान में अन्नपूर्णा रसोई
राजस्थान में वसुंधरा राजे के कार्यकाल में अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरुआत की गई थी. हालांकि बाद में खाने में गड़बड़ी की काफी शिकायतें आने लगी और अशोक गहलोत सरकार के दौरान इसे बंद कर दिया गया. इसे फिर से शुरू करने की बात कही गई थी लेकिन अब तक इसे अमल में नहीं लाया जा सका है.
पंजाब में साडी रसोई
पंजाब सरकार ने 10 रुपये में गरीब लोगों को भरपेट खाना खिलाने के लिए 'साडी रसोई' प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. योजना के तहत एक थाली में रोटी, सब्जी, दाल और चावल मिलता है. लोगों के लिए यह सुविधा 10 बजे सुबह से शाम 3 बजे तक दी जा रही है.
छत्तीसगढ़ दाल-भात केंद्र
छत्तीसगढ़ में 'अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र' नाम से 2004 से ही योजना चलाई जा रही है. इन अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्रों में महज 10 रु. में पर्याप्त मात्रा में दाल-चावल, 15 रु. में दाल-चावल-सब्जी और 20 रु. में अचार और पापड़ के साथ में पूरी थाली मिलती थी. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एक अड़चन आ गई थी. जब केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 19 मार्च 2019 को राज्य सरकार को पत्र भेजकर कहा कि 1 अप्रैल से आश्रम/छात्रावास और कल्याणकारी योजना के तहत अब अनाज सिर्फ उन्हीं संस्थाओं को मिलेगा, जिन्हें सरकारी संस्थान चला रहे हैं
झारखंड में 20 रुपये
झारखंड में मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत 10 रुपये की थाली योजना की शुरुआत की गई थी. हालांकि इस थाली की वास्तविक कीमत 20 रुपये थी. लेकिन योजना के मुताबिक 10 रुपये का भुगतान खाने वाला करेगा, जबकि बाकी का राज्य सरकार. थाली में चावल, दाल, सब्जी के साथ अचार देने की योजना थी.
आंध्र में 5 रुपये में नाश्ता
आंध्र प्रदेश में अन्ना कैंटीन योजना के तहत गरीबों को 5 रुपये में नाश्ता और भोजन दिया जा रहा था. लेकिन 1 अगस्त 2019 के बाद इसे बंद कर दिया गया. जगनमोहन सरकार अब 'राजन्ना कैंटीन' नाम से नई योजना शुरू करने वाली है.
यूपी में प्रभु की रसोई
'प्रभु की रसोई' नाम से जल्द ही एक योजना शुरू करने जा रही है. इसके तहत गरीबों को मुफ्त में खाना दिया जाएगा. योजना की शुरुआत सहारनपुर से होगी. सरकार का उद्देश्य है कि गरीबों को कम से कम एक वक्त का खाना मिल जाए. योगी सरकार ने इस योजना के लिए स्थानों और कंपनियों को भी मदद देने को कहा है.
और पढ़ें- शिवसेना से जलती है बीजेपी, लेकिन बरनॉल की सलाह नहीं दूंगा: आदित्य ठाकरे
तमिलनाडु ने दिखाई राह
बता दें साल 2013 में अम्मा कैंटीन के नाम से गरीब लोगों को भोजन देने के मकसद से इस योजना की शुरुआत की गई थी. योजना के तहत सिर्फ 5 रुपये में लोगों को खाना दिया जा रहा है. अगर कोई व्यक्ति सिर्फ रोटी खाना चाह रहा है तो उसे तीन रुपये ही देने होंगे. दाल मुफ्त में मिल जाएगी. इसके अलावा पारंपरिक दक्षिण भारतीय खाना भी दिया जाता है. इस योजना की काफी तारीफ हुई थी. बाद में कई अन्य राज्यों में इससे सबक लेते हुए कैंटीन योजना का आगाज किया गया था.
aajtak.in