26/11 मुंबई आतंकी हमले को भला कौन भूल सकता है. जब आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों समेत कई बेगुनाहों को मौत के घाट उतार दिया था. इसी हमले के आतंकी अजमल कसाब की शिनाख्त करने वाले और इसी मुंबई हमले में कामा अस्पताल के बाहर आतंकियों की दो गोलियां पीठ पर खाने वाले हरिश्चंद्र श्रीवर्धनकर को मुंबई के एक इलाके में फुटपाथ पर पड़ा पाया गया.
आतंकी कसाब को पहचानने वाले हरिश्चंद्र
हरिशचंद्र श्रीवर्धनकर पहले शख्स थे, जिन्होंने कसाब की शिनाख्त की थी. इस समय हरिश्चंद्र बेहद मुश्किल में हैं. उनका परिवार उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहता है. इसलिए वो लावारिस की तरह सड़कों पर पड़े मिले. उन्होंने कई दिनों से कुछ भी नहीं खाया था. एक दुकानदार डिसूजा ने श्रीवर्धनकर की मदद की और पुलिस की सहायता से उन्हें परिवार तक पहुंचाया. लेकिन परिवार अब भी उन्हें ओल्ड ऐज होम में रखना चाहता है.
हरिश्चंद्र को अपनी दुकान के बाहर देखने वाले डिसूजा ने बताया कि मैंने इन्हें अपनी दुकान के बाहर देखा. फिर इनसे बात करने की कोशिश की, तो वो कुछ शब्द ही बोल पाए. वो 'हरिश्चंद्र', 'बीएमसी' और 'महालक्ष्मी' बोल सके. हमने जब उन्हें कुछ खाने को दिया, वो उसे खा भी नहीं पाए. हमने फिर इसी आधार पर इनके परिवार को खोजना शुरू किया.
डिसूजा के स्कूल के दोस्त और बेसहारा लोगों के लिए 'आईएमसी केयर' नाम की संस्था चलाने वाले टिमोथी गायकवाड़ ने बताया कि काफी मेहनत के बाद डिसूजा ने हरिश्चंद्र के भाई को खोजा, जो महालक्ष्मी में रहते हैं. डिसूजा ने 26/11 की न्यूज रिपोर्ट की मदद से भाई का पता लगाया. जिस शख्स की एक समय सब तारीफ करते थे, आज मदद के लिए कोई तैयार नहीं है.
कौन हैं हरिश्रंद्र श्रीवर्धनकर?
हरिश्चंद्र सरकारी कर्मचारी थे. मुंबई में 26/11 के हमले में इन्हें पीठ पर दो गोलियां लगी थीं. वो 26/11 के हमले के गवाह भी थे. हरिश्चंद्र ने स्पेशल कोर्ट के सामने कसाब को पहचाना था और उसके खिलाफ गवाही दी थी. वे कसाब और उसके साथी अबू इस्माइल की गोलियों से चोटिल भी हुए थे. उन्होंने इस्माइल को अपने ऑफिस बैग से मारा भी था.
मुस्तफा शेख