कोरोना इलाज के बाद अस्पताल का बिल चेक करते वक्त क्या-क्या ध्यान रखना जरूरी?

BMC की ओर से दर्ज FIR के आधार पर हम आपको बताते हैं कि Covid-19 इलाज के बाद अस्पताल बिल की जांच करते वक्त किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI) प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI)

सौरभ वक्तानिया

  • मुंबई,
  • 06 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 5:38 PM IST

  • मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ हुई है शिकायत
  • बीएमसी ने शिकायत में बताया- कैसे किया गया ओवरचार्ज

भारत अब सबसे ज्यादा कोरोना वायरस केसों को लेकर दुनिया में तीसरे स्थान पर है. अगर कोई अस्पताल में Covid-19 इलाज के बाद अस्पताल के बिल का भुगतान करता है तो पहले उसे अच्छी तरह चेक करे. हाल ही में मुंबई के नानावती अस्पताल के खिलाफ बृहन्नमुंबई नगर निगम (BMC) ने मरीज से ओवरचार्ज के आरोप में FIR दर्ज की है. इसमें बताया गया है कि कैसे Covid-19 महामारी के दौरान अस्पताल कमाई करने में लगा है.

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BMC की ओर से दर्ज FIR के आधार पर हम आपको बताते हैं कि Covid-19 इलाज के बाद अस्पताल बिल की जांच करते वक्त किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

दादर की रहने वाली 52 वर्षीय महिला को 31 मई को नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया. 13 जून को कोरोना वायरस की वजह से उसकी मौत हो गई. महिला के परिवार वालों ने अस्पताल की ओर से सौंपे गए बिल में ओवरचार्जिंग की शिकायत की.

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BMC अधिकारी रामचंद्र खोबरेकर ने मामले की जांच शुरू की. बिलों का विस्तृत ऑडिट सीनियर डॉक्टर मयेकर की मदद से किया गया, जो सायन अस्पताल के सहायक अधीक्षक हैं. रामचंद्र खोबरेकर ने बातचीत और विश्लेषण के बाद पाया कि अस्पताल कैसे बिलों में बढ़ोतरी करता है. FIR में इस बारे में जिन बिंदुओं का जिक्र है, वो हम आप तक पहुंचा रहे हैं.

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  1. मरीज के इलाज के लिए हर दिन पांच PPE किट का इस्तेमाल किया जा रहा था. ऐसी हर किट में N95 मास्क भी शामिल होता है. लेकिन बिल में तीन अतिरिक्त N95 मास्क की कीमत जोड़ी गई.
  2. जब मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है तो एस्पिरिन, बी कॉम्प्लेक्स, पैरासिटामोल जैसी गोलियां पैकेज में शामिल होती हैं. लेकिन उपरोक्त बिल में ऐसी सभी गोलियों के लिए अलग से चार्ज किया गया.
  3. मरीज पर अस्पताल ने अन्य टेस्ट किए, वो भी कई बार. जैसे कि ब्लड गैस एनालिसिस, सी रिएक्टेड प्रोटीन टेस्ट आदि.
  4. रोगी को प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक समय तक ऑक्सीजन दिए जाने पर बिल में अलग चार्ज लगाया गया.
  5. मरीज पर कई टेस्ट मध्यरात्रि में 1 से 3 बजे तक किए गए. यह इमरजेंसी वक्त होता है, इसलिए तब टेस्ट करने का चार्ज अधिक होता है.

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BMC की ओर से बिल स्टडी के दौरान ये बिंदु उठाए गए. वरिष्ठ चिकित्सक की मदद से कई अन्य बिलों की भी जांच और ऑडिट किया जा रहा है.

नानावती अस्पताल ने क्या कहा?

इस प्रकरण में नानावती अस्पताल की ओर से एक बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया, ‘’नानावती सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (NSSH) मुंबई में Covid-19 से जंग में अग्रिम मोर्चे पर रहा है. यह अस्पताल प्राइवेट सेक्टर में समर्पित Covid-19 सेवाओं की पेशकश करने वाला पहला निजी अस्पताल था. अस्पताल की ओर से वर्तमान में 42 आईसीयू बेड्स सहित 150 कोविड बेड का प्रबंधन किया जा रहा है. अब तक 1100 से अधिक Covid-19 मरीजों का इलाज किया जा चुका है. महामारी से इस लड़ाई में हमने दुर्भाग्य से एक हेल्थकेयर वर्कर को खो दिया. वर्तमान में हमारे सीईओ संक्रमित हैं और बीमारी से जूझ रहे हैं.’’

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बयान में आगे कहा गया, ‘’हमें मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि एक बिल में कुछ कथित विसंगतियों के कारण एक FIR दर्ज की गई है. हम बिल की जांच करने के लिए शिकायत की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं और इस मुद्दे के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे.’’

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