अब पुणे नगर निगम ने दिया PFI को काम, फडणवीस ने BMC पर साधा था निशाना

कांग्रेस ने एक बयान में कहा, इससे बीजेपी के दोहरे रवैये का पता चलता है. मुंबई में वे PFI का विरोध करते हैं जबकि पुणे में उन्हीं की पार्टी उसी संगठन को काम सौंपती है. वे हर मुद्दे का राजनीतिकरण करते हैं लेकिन उनका पाखंड जगजाहिर हो जाता है.

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बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो) बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)

कमलेश सुतार

  • मुंबई,
  • 03 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

  • पुणे में मुस्लिम कोरोना मृतक को दफनाने का मामला
  • बीएमसी ने दिया PFI को काम, BJP ने साधा निशाना

पुणे नगर निगम की वजह से बुधवार को महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बड़ी किरकिरी हुई. दरअसल, पुणे नगर निगम ने एक मुस्लिम कोरोना मरीज की मौत के बाद उसे दफनाने का जिम्मा उस संगठन को दिया जिसकी आलोचना बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस कर चुके हैं. पुणे निगम पर अभी बीजेपी का ही कब्जा है.

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देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को शिवसेना शासित बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के उस आदेश की घोर आलोचना की थी जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति को दफनाने का काम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को दिया था. फडणवीस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ हुई हिंसा में पीएफआई की भूमिका बताते हुए इस संगठन की आलोचना की थी. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सफाई देने की मांग की थी.

इस घटना के एक दिन बाद बुधवार को यह मामला प्रकाश में आया कि बीजेपी शासित पुणे निगम ने भी उसी पीएफआई को एक कोविड मरीज को दफनाने का जिम्मा दिया है. चूंकि प्रदेश बीजेपी के सबसे बड़े नेता (फडणवीस) इस फैसले की आलोचना कर चुके थे, इसलिए पुणे निगम के सामने अपना आदेश वापस लेने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था. लेकिन जब तक यह हो पाता, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया और बीजेपी पर निशाना साधना शुरू कर दिया.

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कांग्रेस ने एक बयान में कहा, इससे बीजेपी के दोहरे रवैये का पता चलता है. मुंबई में वे पीएफआई का विरोध करते हैं जबकि पुणे में उन्हीं की पार्टी उसी संगठन को काम सौंपती है. वे हर मुद्दे का राजनीतिकरण करते हैं लेकिन उनका पाखंड जगजाहिर हो जाता है. कांग्रेस पार्षद अविनाश वागवे ने यह बात कही. बागवे ने कहा कि पुणे निगम ने आदेश इसलिए वापस लिया क्योंकि फडणवीस ने इसके लिए दबाव बनाया होगा.

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फडणवीस ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा था कि यह जानकर हैरानी हुई कि बीएमसी ने पीएफआई को अपना काम सौंपा है. यह संगठन कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी और असामाजिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है. बता दें, पीएफआई पर प्रतिबंध नहीं लगा है लेकिन यह एनआईए के राडार पर है. इस पर आरोप है कि इसके सदस्य आईएसआईएस के केरल मॉड्यूल से जुड़े थे जो इस संगठन से जुड़ने के लिए सीरिया और इराक का दौरा कर चुके हैं. श्रीलंका धमाका मामले में भी पीएफआई के दफ्तरों पर छापेमारी हो चुकी है.

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