महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में दो साल पहले जो हिंसा हुई थी, आज उस मामले में आरोप तय किए जाएंगे. पुणे पुलिस ने अभी तक इस मामले में 23 आरोपियों के खिलाफ चार्ज लगाया है, लेकिन अब जाकर आरोप तय किए जाएंगे. इस साल भीमा कोरेगांव के मेमोरियल पर 202वां विजय दिवस भी मनाया जा रहा है, ऐसे में पुलिस की ओर से सुरक्षा के इंतजामों को बढ़ाया गया है.
महाराष्ट्र पुलिस ने अभी तक इस मामले में 23 आरोपियों के खिलाफ UPCA के तहत चार्ज लगाया था. इन 23 में से 8 पुलिस गिरफ्तार किए जा चुके हैं और न्यायिक हिरासत में हैं. पुणे पुलिस के द्वारा इन आठ के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है. अब 1 जनवरी को आरोप स्थापित किए जाएंगे.
बता दें कि बीते दिनों सुरक्षा के मद्देनज़र स्थानीय पुलिस ने 163 लोगों को नोटिस जारी किया था और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने को कहा था.
2 साल पहले क्या हुआ था?
बता दें कि 31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में पेशवाओं पर महार रेजिमेंट की जीत के 200 साल पूरे हुए थे. इसी उपलक्ष्य में पुणे के शनिवारवाड़ा में यल्गार परिषद ने जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस जश्न के अगले ही दिन भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी.
क्या है जश्न के पीछे की कहानी?
1 जनवरी 1818 को इस जगह पर ब्रिटिश आर्मी और पेशवा आर्मी के बीच जंग हुई थी, जिसमें ब्रिटिश आर्मी की जीत हुई थी. दरअसल, दलित जाति के 500 से अधिक सैनिकों ने तब पेशवाओं की सेना में शामिल होने का आग्रह किया था, लेकिन पेशवाओं ने उन्हें शामिल नहीं किया था.
इसी के बाद दलित, महार जाति के जवान ब्रिटिश के साथ चले गए थे और पेशवाओं को इस जंग में मात दी थी. तभी से अभी तक 1 जनवरी के दिन भीमा कोरेगांव में जश्न मनाया जाता है.
पंकज खेळकर