मध्य प्रदेश की सियासत में अब बदल गई है. 15 महीने तक विपक्ष में रहने वाली बीजेपी अब सत्ता पर हैं तो सत्तासीन रही कांग्रेस फिर से विपक्ष में. कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना वायरस के बहाने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर करारा हमला किया है. कमलनाथ ने कहा कि कोरोना से चलते लॉकडाउन और कर्फ्यू के हालात में विधानसभा बुलाने का फैसला कानून का उल्लंघन है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि एक तरफ कोरोना वाइरस को लेकर सुरक्षा और सावधानी के लिए तमाम निर्णय गए हैं. प्रदेश में पूरी तरह से लॉक डाउन और कर्फ्यू जैसे निर्णय हैं तो दूसरी तरफ शिवराज सरकार द्वारा खुद के निर्णयों का उल्लंघन कर रही है. कर्फ्यू के हालत में विधानसभा सभा का सत्र आज बुलाने का देर रात में लिया गया निर्णय समझ से परे है.
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शिवराज सिंह चौहान पर सवाल खड़े करते हुए कमलनाथ ने कहा कि विश्वास मत हासिल करने के लिए समय था. ऐसे में आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों? कोरोना से बचाव के लिए यह दोहरे मापदंड क्यों ? जनता के लिए नियमों के पालन कराने की सख्ती और खुद उल्लंघन पर उल्लंघन? अभी तो एक दिन ही हुआ है, कहेंगे कुछ, करेंगे कुछ.
कोरोना के खतरों के बीच शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. विधानसभा का विशेष सत्र मंगलवार को बुलाकर विश्वास मत भी साबित कर दिया है. इससे पहले सोमवार को कोरोना के रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया. उन्होंने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और जबलपुर में मंगलवार से कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है.
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, 'देर रात से बल्लभ भवन में बैठा हुआ हूं जनता से सहयोग मांग रहा हूं कि आप लोग कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासन के साथ आएं और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें.' उन्होंने कहा, 'इसके साथ ही भोपाल और जबलपुर दोनों जिलों में जो लॉक डाउन किया गया है इसमें कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी, इसे सख्ती से लागू किया जाए.'
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