गणेश पूजन पर मंदी की मार, चंदे को जूझ रहीं पूजा समितियां, परेशान हैं मूर्तिकार

मंदी की मार इस त्योहार पर भी दिख रही है. भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों से लेकर पूजा के लिए भव्य पंडाल का निर्माण कराने वाले आयोजक तक, सभी परेशान हैं.

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भगवान गणेश की प्रतिमा को मूर्त रूप देता मूर्तिकार भगवान गणेश की प्रतिमा को मूर्त रूप देता मूर्तिकार

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 01 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

  • गणेश प्रतिमा की मांग में आई कमी
  • पूजा समितियों की संख्या भी हुई कम
  • आयोजकों ने अन्य खर्चों में की कटौती

देश में आर्थिक मंदी की आहट के बीच गणेश चतुर्थी का त्योहार 2 सितंबर से शुरू हो रहा है. 10 दिन तक चलने वाले इस त्योहार को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार इस त्योहार पर मंदी की आहट का असर साफ तौर पर देखा जा रहा है.

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मंदी की मार इस त्यौहार पर भी दिख रही है. भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों से लेकर पूजा के लिए भव्य पंडाल का निर्माण कराने वाले आयोजक तक, सभी परेशान हैं. लगभग 25 साल से भगवान गणेश की मूर्तियां बना रहे मदन प्रजापति ने इस साल करीब 80 मूर्तियां तैयार की है.

कम है मूर्तियों की मांग

मदन बताते हैं कि मंदी की आहट थोड़ी मुश्किलें लेकर आई है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार मूर्तियों की मांग कम है. मदन इसके पीछे की वजह बताते हुए कह रहे हैं कि कई ऐसे लोग, जो पिछले साल तक मूर्तियां ले जा रहे थे वह इस बार कम चंदे की बात करते हुए मूर्ति लेने आए ही नहीं.

मदन का कहना है कि हर साल उनके यहां से मूर्ति ले जाने वाली कई पूजा समितियों से जुड़े लोग इस साल अब तक उनके पास नहीं आए हैं.

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चंदे की कमी से जूझ रहीं समितियां

मंदी के कारण मूर्तियों की कम मांग से जूझ रहे मूर्तिकार मदन अकेले नहीं. मूर्ति बनाने वाले अन्य मूर्तिकारों के साथ ही पूजा को भव्यता प्रदान करने के लिए काफी समय पहले से तैयारियों में जुट जाने वाली पूजा समितियां भी संकट का सामना कर रही हैं. यह संकट है चंदे में आई कमी का.

इसके अलावा चंदे का संकट उन बड़े गणेश पांडाल लगाने वाले आयोजकों के सामने भी है जो इस बार प्रायोजकों के सामने न आने से परेशान हैं. राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट इलाके की मशहूर गणेश पूजा समिति के लोगों की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस बार उन्हें चंदा इकट्ठा करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ी.

आयोजन के लिए नाकाफी है एकत्रित चंदा

न्यू मार्केट व्यापारी महासंघ गणेश उत्सव समिति के सचिव अजय देवनानी के मुताबिक अभी तक जितना चंदा आया है वो आयोजन के लिए काफी नहीं है.

उन्होंने माना कि इस साल चंदे के लिए उन्हें नई जगहों पर भी जाना पड़ा और स्पॉन्सर के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ी. हालांकि अजय को विश्वास है कि अभी और स्पॉन्सर आएंगे और आयोजन हर साल की तरह इस साल भी भव्य रहेगा.

राजधानी में सजते हैं प्रथम पूज्य के 20 बड़े पंडाल

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दरअसल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रथम पूज्य भगवान गणेश के करीब 20 बड़े पूजा पंडाल सजते हैं. छोटे स्तर पर भी कई पंडालों में गणेश पूजन का आयोजन होता है. मंदी की आहट से इस बार न केवल भोपाल में इनकी संख्या में कमी आई है, बल्कि आयोजकों ने भी कई तरह के खर्चों में इस बार कटौती कर दी है.

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