मध्य प्रदेश चुनाव 2018 : पथरिया विधानसभा सीट पर बसपा की जीत

पथरिया विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी का कब्जा था, लेकिन बसपा ने यहां जीत दर्ज करके रिकॉर्ड रचा.

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 : पथरिया मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 : पथरिया

श्याम सुंदर गोयल

  • नई द‍िल्‍ली,
  • 11 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:19 AM IST

पथरिया विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के रामबाई गोविंद सिंह ने बीजेपी के लखन पटेल को चुनाव हराया. उनके जीत का मार्जिन 2205 रहा. पथरिया विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी का कब्जा था, लेकिन बसपा ने यहां जीत दर्ज करके रिकॉर्ड रचा.

पथरिया विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी का कब्जा है और इस सीट से वर्तमान में बीजेपी के लखन पटेल विधायक हैं. दमोह लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस विधानसभा सीट पर कुल  2 लाख 10 हजार मतदाता हैं जिनमें करीब 1.05 लाख पुरुष और एक लाख महिला वोटर शामिल हैं.

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सोयाबीन प्लांट और सीमेंट फैक्ट्री होने के बावजूद यहां बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा बुंदेलखंड की इस सीट पर जलसंकट भी समस्या है. बगल से सुनार और कोपरा नदी बहने के बाद भी यहां के किसानों के लिए सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं.

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लखन पटेल और बीएसपी का दामन छोड़ कांग्रेस में आए कुंवर पुष्पेंद्र सिंह हजारी के बीच मुकाबला था. हालांकि नतीजों में बीजेपी के लखन पटेल को 7 हजार वोटों से जीत मिली थी. इस चुनाव में हार-जीत में 5 फीसदी वोटों का अंतर रहा. मायावती की पार्टी बीएसपी को यहां करीब 5 फीसदी वोट हासिल हुए थे.

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के रामकृष्ण कुसमरिया और बीएसपी के कुंवर पुष्पेंद्र सिंह हजारी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. नतीजों में बीजेपी सिर्फ 621 वोटों से चुनाव जीत मिली और रामकृष्ण पथरिया से विधायक चुने गए. इस चुनाव में बीजेपी को 30058 वोट जबकि बीएसपी को 29437 वोट हासिल हुए. इसके अलावा कांग्रेस इस चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी रही जिसे 22455 वोट मिले थे.

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2013 में विधानसभा की क्या थी तस्वीर

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 35 सीट अनुसूचित जाति जबकि 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 148  गैर-आरक्षित सीटें हैं. 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 165 सीटों पर जीत हासिल कर राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी, जबकि कांग्रेस को 58 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 4 जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.

कितने लोगों ने किया मताधिकार का प्रयोग...

निर्वाचन आयोग के मुताबिक 2013 में मध्य प्रदेश में कुल 4,66,36,788 मतदाता थे जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2,20,64,402 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,45,71,298 और अन्य वोटर्स 1088 थे. 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी....

निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस बार मध्य प्रदेश में 75.05 फीसदी मतदान हुआ. जबकि 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 4 फीसदी बढ़कर 74.03 प्रतिशत रहा. 2013 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70.11 प्रतिशत रहा था.

इसके पहले कैसा रहा है वोटिंग का प्रतिशत...

1990 में स्व. सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में भाजपा मैदान में उतरी और 4.36 फीसदी वोट बढ़ गए. तत्कालीन कांग्रेस की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 1993 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव में उतरी तो 6.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा और बीजेपी की पटवा सरकार हार गई थी.

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वहीं, 1998 में वोटिंग प्रतिशत 60.22 रहा था जो 1993 के बराबर ही था. उस वक्त दिग्विजय सिंह की सरकार बनी. लेकिन 2003 में उमा के नेतृत्व में भाजपा सामने आई और दिग्विजय सिंह की 10 साल की सरकार सत्ता से बाहर हो गई. उस वक्त भी 7.03 प्रतिशत वोट बढ़े थे.

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