झारखंड़ कुपोषण के मामले में देशभर में तीसरे स्थान पर है. कुपोषण, गरीबी, बेरोज़गारी और पलायन यहां सरकारों के लिए राज्य गठन के बाद से ही बड़ी चुनौती रही है. लिहाज़ा इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर राज्य में हज़ारों पोषण सखियों की बहाली हुई थी. केंद्र इनपर होने वाले खर्च का 75 प्रतिशत राशि वहन करती थी जबकि 25 प्रतिशत राज्य देती है. बीते लंबे समय से केंद्र ने यह राशि भेजना बंद किया तो पोषण सखी सड़कों पर उतर आईं. मार्च तक के वेतन की मांग और नौकरी को बरकरार रखने के लिए पोषण सखी विधानसभा घेरने पहुंची थीं. लेकिन रास्ते मे पुलिस के साथ उनकी जमकर नोंक झोंक हुई. देखिए ये रिपोर्ट.