पहले लें दहेज नहीं लेने की शपथ, फिर होगी दरोगा प्रशिक्षण में एंट्री

झारखंड सरकार दहेज प्रथा पर लगाम कसने के लिए एक नई मुहिम शुरू कर रहा है और उसने पुलिस विभाग में भर्ती नए नवेले दरोगा से शादी में दहेज नहीं लेने का शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर उन्हें प्रशिक्षण में शामिल नहीं किया जाएगा.

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CM रघुवर दास से प्रमाण पत्र हासिल करतीं एक प्रशिक्षु दरोगा CM रघुवर दास से प्रमाण पत्र हासिल करतीं एक प्रशिक्षु दरोगा

धरमबीर सिन्हा

  • रांची,
  • 03 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

दहेज लेने की प्रथा पर अंकुश लगाने की लगातार कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी भी यह जारी है. झारखंड सरकार ने दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए राज्य पुलिस में भर्ती होने वाले नए दरोगाओं को दहेज नहीं लेने का शपथ पत्र जमा करने को आदेश दिया है और इसके बाद ही उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा.

झारखंड पुलिस में बहाल हुए नए नवेले दरोगा शादी में दहेज नहीं लेंगे. ट्रेनिंग के पहले सभी प्रशिक्षु दरोगा को दहेज नहीं लेने का ऐलान बकायदा घोषणा पत्र देकर करना होगा.

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बगैर घोषणा पत्र दिए दरोगा प्रशिक्षण में शामिल नहीं हो पाएंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रशिक्षु दरोगा को नियुक्ति पत्र बांटे. झारखंड पुलिस में इस बार 2,645 दरोगा बहाल हुए हैं. इन पुलिस अवर निरीक्षकों में 223 महिलाएं भी शामिल हैं.

राजधानी रांची के प्रोजेक्ट भवन में सभी चयनित दरोगा को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नियुक्ति पत्र प्रदान किया. नए बहाल हुए सभी दरोगा की ट्रेनिंग 7 अगस्त से राज्य के तीन पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों झारखंड पुलिस अकादमी, जंगलवार फेयर नेतरहाट और पीटीसी पदमा में शुरू होगी.

सभी नए दरोगा को छह अगस्त तक दहेज नहीं लेन देने संबंधी घोषणा पत्र के साथ संबंधित प्रशिक्षण केंद्रों में योगदान देने का आदेश दिया गया है. साथ ही इन्हें मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

झारखंड पुलिस को पहली बार सबसे युवा दरोगा अफसरों का बैच मिला है. 2012 तक अधिकतम 40 वर्ष के अभ्यर्थी बतौर दरोगा बहाल होते थे, लेकिन उम्र सीमा घटा दी गई और इसे 30 साल कर दिया गया.

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ऐसा पहली बार है जब एक साल के बुनियादी प्रशिक्षण के दौरान दरोगा स्तर के प्रशिक्षुओं को मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नव नियुक्त सब इंस्पेक्टरों से कहा कि आप दरोगा बने हैं लोगों की सेवा करने के लिए, रौब दिखाने के लिए नहीं. आजाद भारत में रौब का कोई स्थान नहीं है. क्षेत्र के लोगों के साथ संपर्क बनाकर रखना चाहिए. इससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बेहतर रहेगी. गरीब जनता ही हमारे लोकतंत्र का पांचवां स्तंभ है. ये सम्मान के हकदार हैं. उनके प्रति अच्छा व्यवहार रहना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से अब तक पुलिस में 11,451 नियुक्तियां की जा चुकी हैं. इन 2,645 पदों में से 83 प्रतिशत नियुक्तियां झारखंड के निवासियों की है. जबकि 17 प्रतिशत बाहरी राज्यों के हैं, लेकिन वे भी झारखंड में तीन पीढ़ियों से रह रहे हैं.

इस प्रकार शत प्रतिशत नियुक्तियां झारखंड के लोगों की ही हुई है. नवनियुक्त 2,645 पुलिस अवर निरीक्षकों में 223 महिलाएं भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने इन्हें नियुक्ति पत्र देते हुए कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में सबसे आगे हैं. देश का नाम रोशन कर रही हैं.

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