झारखंड हाईकोर्ट ने बीजेपी के पूर्व सांसद सोम मरांडी और पांच अन्य को 2012 में रेल रोको आंदोलन मामले में जमानत दे दी है. हाईकोर्ट ने इनकी जमानत की शर्त रखी है कि सभी को पीएम केयर्स फंड में 35-35 हजार रुपये जमा करने होंगे, साथ ही आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना भी शामिल है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन्हें गुरुवार को जमानत की अनुमति दी गई. इस दौरान जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने सभी छह लोगों से कहा कि पीएम-केयर्स में 35,000 रुपये भुगतान और ऐप डाउनलोड का प्रमाण कोर्ट के सामने पेश करेंगे.
कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोविड-19 को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश का पालन करने का भी निर्देश दिया है. जमानत की शर्त को लेकर याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि वे लगाई जाने वाली सभी शर्तों का पालन करेंगे.
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पूर्व सांसद सोम मरांडी, विवेकानंद तिवारी, अमित अग्रवाल, हिसाबी राय, संचय वर्धन और अनुग्रह नारायण ने 15 मार्च 2012 को पूरे राज्य में तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ रेल रोको आंदोलन किया था. इन लोगों ने पाकुड़ रेलवे स्टेशन के पास रेल रोकी थी, जिसको लेकर इनकी गिरफ्तारी हुई थी.
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रेलवे न्यायिक मजिस्ट्रेट ने रेलवे एक्ट की धारा 174(ए) के तहत इन लोगों को एक साल की कारावास की सजा दी थी. याचिकाकर्ताओं ने इसके खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील दायर की थी, जो खारिज हो गई थी. फिर इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सत्र न्यायालय के आदेश को खारिज करने की मांग की थी.
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