झारखंड के बिसरा स्टेशन पर बिसरा पब्लिक एक्शन कमिटी द्वारा चक्का जाम किया गया है. इसके चलते हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर कई ट्रेनों का परिचालन बाधित है. इससे राजस्व के नुकसान के साथ-साथ हजारों यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है. दरअसल, ग्रामीण बिसरा स्टेशन पर कोरोना काल से पहले की तरह एक्सप्रेस ट्रेनों को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
रेल चक्का जाम के चलते ये ट्रेनें फंसी
बिसरा स्टेशन पर ग्रामीणों ने रेल पटरियों पर लाल बैनर लगाकर रेल चक्का जाम किया हुआ है. इस चक्का जाम के चलते चक्रधरपुर रेल मंडल के बिसरा स्टेशन पर दो मालगाड़ी, राउरकेला स्टेशन में गीतांजलि और अहमदाबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस, चक्रधरपुर स्टेशन में उत्कल एक्सप्रेस और टाटानगर स्टेशन में साउथ बिहार एक्सप्रेस रास्ते में ही जहां-तहां फंसी हैं. अन्य स्टेशनों पर कई मालगाड़ियों के फंसे होने की खबर आ रही है.
चक्का जाम हटवाने का प्रयास विफल
रेल चक्का जाम का नेतृत्व कर रहे बिरमित्रपुर के पूर्व विधायक जोर्ज तिर्की समेत अन्य नेताओं से एडीआरएम राजकिशोर मोहंती ने वार्ता कर रेल चक्का जाम को हटाने की कोशिश की. हालांकि, उनका प्रयास विफल रहा. ग्रामीण ट्रेनों के ठहराव की मांग पूरी नहीं होने तक रेल चक्का जाम करने की जिद पर अड़े हुए हैं.
भारी फोर्स की तैनाती
बिसरा में ग्रामीणों के रेल चक्का जाम को नियंत्रित करने के लिए फ़ोर्स की भी तैनाती की गई है. मौके पर आरपीएफ, जीआरपी, जिला पुलिस के जवान मौजूद हैं. ड्रोन से रेल चक्का जाम करने वालों पर नजर रखी जा रही है. बिसरा के ग्रामीण रेलवे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे रेलवे से तीन साल से पत्राचार कर थक चुके हैं. उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया. हार मानकर उन्हें चक्का जाम करना पड़ा.
ग्रामीणों ने रेलवे पर लगाया ये आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा के विधायक शंकर ओराम ने भी पत्र लिखकर रेल मंत्री से बिसरा में ट्रेन ठहराव की मांग की थी. इसपर भी रेलवे ध्यान नहीं दिया. बिसरा स्टेशन में ट्रेन ठहराव नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई, गरीबों का रोजगार, मजदूरी, बीमार का इलाज सबकुछ मुश्किल हो गया है. ग्रामीण आगे कहते हैं कि बिसरा में एक्सप्रेस ट्रेनों का पहले की तरह ठहराव नहीं होगा तब तक रेल चक्का जाम जारी रहेगा. रेल चक्का जाम से जो भी समस्या हो रही है उसके लिए खुद रेलवे और उसके अधिकारी जिम्मेदार हैं.
सत्यजीत कुमार