जम्मू में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए झारखंड के जवान को दी गई अंतिम सलामी

जम्मू में शहीद हुए झारखंड के लाल फ्रांसिस होरो की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय निवासी मौजूद थे. शहीद होरो अपने पीछे बूढ़ी मां और पत्नी के अलावा दो बेटियों को छोड़ गए हैं. एक बेटी 13 साल की है और एक 8 साल की.

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झारखंड से अब तक तीन सपूत हो चुके शहीद झारखंड से अब तक तीन सपूत हो चुके शहीद

अंजलि कर्मकार / धरमबीर सिन्हा

  • रांची,
  • 02 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

झारखंड के एक और जवान ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. सेना में हवलदार फ्रांसिस होरो जम्मू में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए. शनिवार रात उनका पार्थिव शरीर रांची लाया गया. रविवार को उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ रांची के सिदरौल इलाके के लाली गांव में कर दिया गया.

जम्मू में शहीद हुए झारखंड के लाल फ्रांसिस होरो की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय निवासी मौजूद थे. शहीद होरो अपने पीछे बूढ़ी मां और पत्नी के अलावा दो बेटियों को छोड़ गए हैं. एक बेटी 13 साल की है और एक 8 साल की.

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शहीद फ्रांसिस होरो ने 1995 में आर्मी ज्वाइन की था. बिहार रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत होरो उस समय क्रॉस फायरिंग का शिकार हो गए. जब वे सीमा पर गश्त कर रहे थे. बता दें, सीमा पर चल रहे मौजूदा तनाव और गोलीबारी में अब तक झारखंड के तीन सपूतों ने शहादत दी है. फ्रांसिस होरो के अलावा उरी में हुए आत्मघाती हमले में गुमला के नयमन कुजूर और खूंटी के जावरा मुंडा शहीद हुए हैं.

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