J-K: कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को 16 जून से काम पर लौटने के निर्देश को सरकार ने लिया वापस

कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को 16 जून से काम पर लौटने को कहा गया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के बाद सरकार ने अपना आदेश वापस ले लिया है.

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कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के विरोध में श्रीनगर में रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया गया था. (फोटो-एजेंसी) कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के विरोध में श्रीनगर में रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया गया था. (फोटो-एजेंसी)

सुनील जी भट्ट

  • जम्मू,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:18 PM IST
  • उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लिखा था पत्र
  • कई कश्मीरी पंडितों की हो चुकी है हत्या

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग में कार्यरत कश्मीर पंडित कर्मचारियों को 16 जून से काम पर लौटने के निर्देश को सरकार ने वापस ले लिया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के बाद सरकार ने अपना आदेश वापस ले लिया. पहले उन्हें 16 जून से काम पर लौटने के निर्देश दिए गए थे. 

बता दें कि कश्मीर में टारगेट किलिंग के बाद से कर्मचारी कश्मीर घाटी छोड़कर चले गए हैं. कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने भी कश्मीर घाटी से खुद को निकालने के लिए अपील की थी.

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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लिखा था पत्र
ऑल पीएम पैकेज एंप्लॉयीज फोरम ने 14 मई को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लिखे एक पत्र में कहा था कि हम पीएम पैकेज कर्मचारी और गैर-पीएम पैकेज कर्मचारी आपसे आग्रह करते हैं कि कृपया हमें कश्मीर प्रांत से सुरक्षित निकाल लें और बचा लें. अगर आप इस मसले पर कुछ नहीं कर सकते तो हम सामूहिक इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. कश्मीर हमारे लिए सुरक्षित नहीं है. ऑल पीएम पैकेज कर्मचारी फोरम कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का एक निकाय है.

इसके अलावा पत्र में उन्होंने लिखा था कि वे कश्मीर के अलावा दुनिया में कहीं भी काम करने के लिए तैयार हैं. पत्र में कहा गया था कि हम यहां नहीं रह सकते, यहां रोज हमारी मौत हो रही है.

राहुल भट्ट हत्याकांड
जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में 12 मई को आतंकवादियों ने राजस्व विभाग के एक कर्मचारी राहुल भट पर गोलियां चलाईं. वे कश्मीरी पंडित थे और गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें श्रीनगर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई. यह घटना मध्य कश्मीर के चदूरा में तहसीलदार कार्यालय में हुई. आतंकी समूह 'कश्मीर टाइगर्स' ने हमले की जिम्मेदारी ली थी.

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