स्कूल के उस दौर को कोई कैसे भूल सकता है, जब होमकर्व नहीं करने पर या शरारत करने पर शिक्षक सजा देते थे और कान पकड़कर उठक-बैठक करवाना इसमें सबसे आम था. इस सजा से कई बच्चे शर्मसार हो जाते थे. अध्ययन में पाया गया है कि यह सजा सेहत के लिए फायदेमंद है.
बात दें कि हरियाणा के सरकारी स्कूल जल्द ही छात्र-छात्राओं को उठक-बैठक करवाते नजर आएंगे. एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भिवानी के एक सरकारी स्कूल ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत कान पकड़कर उठक-बैठक को अनिवार्य करने का फैसला किया है.
शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव कुमार का कहना है, 'वैज्ञानिक रूप से यह साबित हो चुका है कि कान पकड़कर उठक-बैठक करना सुपर ब्रेन योग है. इसे करने से दिमाग तेज चलने लगता है इसलिए हमने इसे शुरू करने का फैसला किया है.' फिलहाल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत करने का फैसला लिया है.
सुपर ब्रेन योग क्या है?
उठक-बैठक के लिए सुपर ब्रेन योग फिलीपींस के अध्यात्मिक गुरु चोओ कोक सुई द्वारा लिखी गई किताब से मिला है. चोआ कोक सुई प्राणिक हीलिंग और आरहटिक योग के संस्थापक हैं. उनकी वेबसाइट के अनुसार, चोआ कोक सुई ने 45 देशों में हीलिंग (चिकित्सा) सेंटर स्थापित किए हैं. वेबसाइट के अनुसार वे एक केमिकल इंजीनियर और सफल व्यवसायी भी हैं.
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