जहर पीने के बाद घरवाले ले गए मंदिर, अंधविश्वास में गई युवक की जान

गुजरात के 28 साल के एक युवक ने पारिवारिक तनाव के चलते जहरीली दवा पी ली थी, जिस कारण उसकी तबीयत खराब होने लगी. इस दरम्यान परिवारवाले युवक को अस्पताल ले जाने के बजाय मंदिर ले गए.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

गोपी घांघर

  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2019,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST

आज का युग साइंस और टेक्नोलॉजी का है, जहां इंसान तरक्की के लिए नए-नए अविष्कार कर रहा है, लेकिन आज भी भारत के कई इलाकों में अंधविश्वास की घटनाएं आधुनिक विकास को चुनौती देती नजर आती है. इसकी ताजा मिसाल देखने को मिली गुजरात के चोटीला में. जहां गोंदागांव में 28 साल के एक युवक ने पारिवारिक तनाव के चलते 13 मई को जहरीली दवा पी ली थी,  लेकिन उसके घरवाले उसे अस्पताल ले जाने के बजाय मंदिर ले गए और इलाज न मिल पाने की वजह से उसकी मौत हो गई.

Advertisement

परिवारवाले मंदिर में भगवान के सामने युवक के ठीक होने के लिए प्रार्थना करने लगे. इस बीच जहर का असर युवक के शरीर में फैलता गया. कुछ वक्त बाद अचानक ही उसकी तबीयत खराब हो गई, तब परिवारवाले उसे अस्पताल लेकर भागे. हालांकि, इस बीच अस्पताल ले जाते हुए उस युवक की मौत हो गई.

गोंदागांव के रहने वाले जीवराज राठौर नाम के युवक ने शाम के वक्त वाडी शेढे नदी के किनारे जहरीली दवा पी थी और वहीं वो बेहोशी के हालात में परिवारवालों को मिला. इसके बाद परिवारवाले उसे अस्पताल की जगह मंदिर ले गए. वहां पहले से मौजूद एक शख्स ने युवक की हालत देखकर कहा कि उसे खूब सारा पानी पिलाएं ताकि उल्टी हो, फिर परिवार के लोगों ने युवक को पानी पिलाया तब युवक को उल्टी हुई और फिर जीवराज थोड़ा स्वस्थ दिखा, लेकिन थोड़ी देर बाद युवक की तबीयत अचानक और खराब हो गई. फिर परिवारवाले युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे, तभी उसकी मौत हो गई.

Advertisement

गौरतलब है कि जीवराज ने किस वजह से जहर पिया था, इसकी जानकारी अब तक परिवारवालों नहीं है. जीवराज की पत्नी और माता-पिता उसकी मौत की वजह से काफी दुखी हैं. हालांकि, अगर वक्त रहते युवक को अस्पताल ले जाया जाता, तो बच जाता.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement