राजकोट: ढाई साल के मासूम की श्वास नली में फंसा 8-9 mm का पत्थर, ऐसे बची जान

X-ray से पता चला कि पत्थर काफी नीचे फंसा हुआ था इसके बाद ब्रोनकोस्कोपी ऑपरेशन से पत्थर को बाहर निकला गया. डॉक्टर हिमांशु ठक्कर ने बताया कि ऑपरेशन काफी मुश्किल था क्योंकि श्वास नली काफी नाजुक और छोटी होती है. ऐसे में फंसे पत्थर को निकालना काफी रिस्की था. लेकिन ऑपरेशन सफल हुआ और बच्चे की जान बच गई.

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ढाई साल के बच्चे की श्वास नली में फंसा पत्थर ढाई साल के बच्चे की श्वास नली में फंसा पत्थर

aajtak.in

  • राजकोट,
  • 10 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

गुजरात के राजकोट में ढाई साल का मासूम बच्चा खेलते-खेलते पत्थर निगल गया. जिसके बाद उसकी हालत खराब हो गई. मासूम के पिता अपने बेटे को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे और X-ray से पता चला कि सांस की नली में एक  8-9 mm का पत्थर काफी अंदर फंसा हुआ है. जिसकी वजह से उनकी सांस की नली में सूजन आ गई थी और उसकी खांसी नहीं रुक रही थी. ENT सर्जन डॉक्टर हिमांशु ठक्कर ने बताया कि जब बच्चा उनके पास आया तो उसका ऑक्सीजन लेवल 70 प्रतीशत तक नीचे गिर चुका था. 

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X-ray से पता चला कि पत्थर काफी नीचे फंसा हुआ था इसके बाद ब्रोनकोस्कोपी ऑपरेशन से पत्थर को बाहर निकला गया. डॉक्टर हिमांशु ठक्कर ने बताया कि ऑपरेशन काफी मुश्किल था क्योंकि श्वास नली काफी नाजुक और छोटी होती है. ऐसे में फंसे पत्थर को निकालना काफी रिस्की था. लेकिन ऑपरेशन सफल हुआ और बच्चे की जान बच गई. जिसके बाद मासूम के माता-पिता ने राहत की सांस ली. 

मासूम की श्वास नली में फंसा 8-9 mm का पत्थर

बच्चे के पिता केतन सरेसिया ने बताया कि करीब डेढ़ महीने से उनके मासूम बेटे की सांस की नली में पत्थर फंसा हुआ था. जिसका उन्हें पता नहीं चल पाया. बेटे को बार-बार खांसी आ रही थी और वह ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा था. जब उसकी हालत ज्यादा खराब हुई तो वो डॉक्टर हिमांशु ठक्कर के पास लेकर गए. जांच के बाद पता चला कि बेटे की सांस की नली में पत्थर फंसा हुआ है. 

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डॉक्टर ने सफल ऑपरेशन कर पत्थर बाहर निकाला

सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे के माता-पिता ने डॉक्टर हिमांशु ठक्कर का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उन्होंने उनके बच्चे की जान बचाई. डॉक्टर हिमांशु ठक्कर ने बच्चों के माता-पिता से अपील की है कि बच्चों के खेलते समय ध्यान रखें उसे ऐसी कोई चीज न दें जो उनके मुंह के अंदर चली जाए. 

(रिपोर्ट- रौनक मजीठिया)

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