'व्हाट रबिश' साधारण कहानी में असाधारण कॉमेडी...

दो दोस्त, एक पड़ोसन और इन सबके बीच उलझती-सुलझती कहानी है 'व्हाट रबिश'. हास्य और विनोद से भरे इस नाटक में कई तरह के हास्यास्पद मोड़ आते हैं.

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'व्हाट रबिश' नाटक का एक दृश्य 'व्हाट रबिश' नाटक का एक दृश्य

सुरभि गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2016,
  • अपडेटेड 6:11 PM IST

उमर शरीफ द्वारा लिखे और सिद्धार्थ गौतम द्वारा निर्देशित नाटक 'व्हाट रबिश' दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है. इस हास्य नाटक का आयोजन रविवार को शाम साढ़े सात बजे मंडी हाउस में स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में होगा.

दो दोस्त और एक पड़ोसन
दो दोस्त , एक पड़ोसन और इन सबके बीच उलझती-सुलझती कहानी है 'व्हाट रबिश'. हास्य और विनोद से भरे इस नाटक में कई तरह के हास्यास्पद मोड़ आते हैं. सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि नाटक की पटकथा दो दोस्त रहमत और उमर के इर्द-गिर्द घूमती है. दोनों की शादी हो गई है, शादी होने के बावजूद ये दोनों अपनी पड़ोसन साख राख को तंग करते हैं.

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आता है एक ट्विस्ट
रहमत घर पर ही रहता है और घर के काम करता है. वहीं उमर का पिता घर छोड़कर भाग गया है, जिससे उसकी मां हमेशा परेशान रहती है. नाटक में बड़ा मोड़ तब आता है, जब पता चलता है कि उमर के पिता की सगाई साख राख से हो चुकी है.

होता है शानदार अंत
इस दौरान क्या-क्या घटित होता है, रहमत और उमर क्या करते हैं, अंत में क्या होता है? यही नाटक की सबसे अहम कड़ी है. नाटक के अंत में उमर अपने पिता की बारात वापस लेकर अपनी मां के पास जाता है.

लगभग डेढ़ घंटे का है नाटक
1 घंटे 40 मिनट के नाटक में सिद्धार्थ गौतम (उमर), विक्की राजपूत (रहमत), पड़ोसन साख राख शालिनी चौहान बनी हैं. उमर की पत्नी रानी का चरित्र योगिता ने निभाया है.

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