दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्माण कार्य के चलते कुछ विमानों के संचालन में बदलाव किया जाने वाला है. निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट का संचालन टर्मिनल 2 के बजाय टर्मिनल 3 से होगा. जबकि इंडिगो के कुछ विमानों का भी टर्मिनल 3 से संचालन होगा. यानी दिल्ली एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट और इंडिगो अब टर्मिनल 2 की जगह टर्मिनल 3 से उड़ान भरेंगी. ये फैसला 5 सितंबर 2019 से लागू होगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक टर्मिनल 2 को उन्नत बनाया जा रहा है और उन्नत बनाए जाने के बाद टर्मिनल 2 से हर साल 1.80 करोड़ यात्री आ-जा सकेंगे. टर्मिनल 2 पर सुरक्षा क्षेत्र, बस गेट, आगमन क्षेत्र और वेटिंग एरिया का फिर से निर्माण किया जा रहा है.
टर्मिनल 2 की बढ़ेगी क्षमता
रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 2 में कुछ बदलाव कर रहा है जिससे उसकी क्षमता बढ़ जाएगी. स्पाइसजेट की सभी फ्लाइट जो अभी T2 से जा रही हैं 5 सितंबर से वह T3 से जाएंगी. जबकि इंडिगो की फ्लाइट नंबर 5000 से 5999 T3 से उड़ान भरेंगी.
फिलहाल, जेट एयरवेज बंद है जिसकी वजह से टर्मिनल 3 पर स्पाइस जेट और इंडिगो की फ्लाइट के लिए जगह है. वहीं गो एयर अपना संचालन टर्मिनल 2 से टर्मिनल 3 पर शिफ्ट नहीं करेगी. अभी इंडिगो और स्पाइस जेट टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 से उड़ान भरती हैं. वहीं एयर इंडिया और विस्तारा टर्मिनल 3 से उड़ती हैं. एयर एशिया भी टर्मिनल 3 से उड़ती है.
बहरहाल बता दें कि टर्मिनल की शिफ्टिंग 5 सितंबर को होगी. टर्मिनल 2 से ऑपरेशन शिफ्ट होने के बाद यहां से पैसेंजर लोड 27 फीसदी घट जाएगा. दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सालाना 7.5 करोड़ यात्रियों का आना जाना हो सकता है. 2022 तक इस एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाकर 10 करोड़ यात्रियों को हैंडल करने की योजना है.
टर्मिनल-1 और टर्मिनल-2
गौरतलब है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर तीन टर्मिनल हैं. टर्मिनल-1 और टर्मिनल-2 पर डोमेस्टिक उड़ानों की आवाजाही होती है जबकि टर्मिनल-3 से सभी अंतरराष्ट्रीय और कुछ घरेलू उड़ानों का परिचालन होता है.
स्पाइसजेट और इंडिगो की उड़ानें टर्मिनल-1 और 2 दोनों पर हैं जबकि गो एयर की सभी उड़ानें टर्मिनल-2 पर हैं. निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की सेवाएं अप्रैल में बंद होने के बाद से टर्मिनल-3 पर दूसरी विमानन कंपनियों को जगह मुहैया कराने की उड़ानों की संभावना बनी है.
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