निर्भया के दोषियों ने जेल में कमाए थे 1.37 लाख, जानिए किसे मिलेगी ये रकम

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों गुनहगारों अक्षय कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश कुमार को दिल्ली के तिहाड़ जेल में सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया है.

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चारों दोषियों को आज दी गई फांसी, निर्भया के परिवारवालों ने जाहिर की खुशी (फाइल फोटो-PTI) चारों दोषियों को आज दी गई फांसी, निर्भया के परिवारवालों ने जाहिर की खुशी (फाइल फोटो-PTI)

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

  • 16 दिसंबर 2012 को हुई थी वारदात
  • चारों दोषियों को आज दी गई फांसी

सात साल बाद निर्भया को आज इंसाफ मिल गया है. गैंगरेप और मर्डर केस के चारों गुनहगारों अक्षय कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश कुमार को दिल्ली के तिहाड़ जेल में सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया है. फांसी के तख्ते पर लटकने से पहले चारों दोषी कई साल तक जेल में बंद रहे. इस दौरान दोषियों ने जेल में काम कर करके 1 लाख 37 हजार कमाए थे. अब सवाल उठता है कि यह पैसे किसे मिलेंगे.

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तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि निर्भया के दोषियों ने जेल में काम करके 1 लाख 37 हजार कमाए थे. इसमें मुकेश ने कोई काम नहीं किया था, जबकि अक्षय ने 69 हजार रुपये, पवन ने 29 हजार रुपये और विनय ने 39 हजार रुपये कमाए थे. इन पैसों को उनके परिवार वालों को दिया जाएगा. इसके साथ ही चारों दोषियों के कपड़ों और सामान को भी परिवारवालों को सौंपा जाएगा.

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तिहाड़ जेल के बाहर जश्न

तिहाड़ जेल के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया और 'निर्भया जिंदाबाद' के नारे लगाए. मामले के चारों दोषियों को तय समय के अनुसार फांसी के तख्ते पर लटाकाया गया. इंसाफ करने के लिए कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए तिहाड़ जेल के बाहर इकट्ठा हुए लोगों ने कहा कि यह न्याय की सुबह है.

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DDU हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम

फांसी पर लटकाने के बाद चारों दोषियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भेज दिया गया है. यहां डॉक्टर बीएन मिश्रा की अगुवाई में पांच सदस्यीय मेडिकल टीम शवों का पोस्टमार्टम करेगी. इसके बाद लाशों को उनके परिवारवालों को सौंपा जाएगा. अगर परिवार वाले शव नहीं लेते हैं तो तिहाड़ जेल प्रशासन ही उनका अंतिम संस्कार करेगा.

क्या है पूरा मामला

सात साल 3 महीने और तीन दिन पहले यानी 16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद चारों दोषियों अक्षय, पवन, मुकेश और विनय को आज फांसी दी गई. इस मामले एक दोषी राम सिंह ने पहले ही खुदकुशी कर ली थी.

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