दिल्ली के अस्पतालों में हो सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज, कमेटी की सिफारिश

दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली सरकार ने पांच डॉक्टर की एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी का गठन 3 जून को किया गया था. दिल्ली में आईपी यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. महेश वर्मा को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था.

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सांकेतिक तस्वीर (PTI) सांकेतिक तस्वीर (PTI)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2020,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST

  • दिल्ली में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कमेटी गठित
  • 5 सदस्यों की कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर शनिवार को डॉ. महेश वर्मा कमेटी ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर केवल दिल्ली के निवासियों के लिए इस्तेमाल हो. अगर बाहर वालों के लिए दिल्ली का हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर खोला गया तो 3 दिन के अंदर सारे बेड भर जाएंगे.

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दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली सरकार ने पांच डॉक्टर की एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी का गठन 3 जून को किया गया था. दिल्ली में आईपी यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. महेश वर्मा को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था. कमेटी को निर्देश दिया गया था कि दिल्ली में अस्पतालों की समग्र तैयारी और क्या दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के बाहर के मरीजों का भी इलाज कर पाएंगे, इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए. दिल्ली में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ोतरी और क्या अन्य क्षेत्र जहां दिल्ली में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है, जैसे सवालों के जवाब के लिए कमेटी का गठन किया गया.

इसी के साथ महेश वर्मा कमेटी की रिपोर्ट पर रविवार 11.30 बजे दिल्ली कैबिनेट की बैठक होगी. बैठक के बाद तय होगा कि दिल्ली का हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर दूसरे राज्यों के लिए खोजा जाए या नहीं.

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इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कोरोना बेड की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले सभी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि एक शख्स को प्राइवेट अस्पताल ने बेड देने से मना कर दिया. जब एक टीवी प्रोग्राम में एंकर ने लाइव कॉल किया तो पहले तो अस्पताल ने मना किया, लेकिन बहुत गिड़गिड़ाने पर अस्पताल ने आठ लाख रुपये मांगे. दिल्ली में कुछ निजी अस्पताल महामारी में गलत हरकत कर रहे हैं, इसे बेड की ब्लैक मार्केटिंग कहेंगे. ब्लैक मार्केटिंग इसलिए होती है क्योंकि अस्पताल में कितने बेड हैं इसकी जानकारी लोगों को नहीं मिल पा रही थी, इसलिए कोरोना एप लॉन्च किया गया था. एप लॉन्च करने के बाद से बवाल मच गया है, अब अस्पताल ही बेड की जानकारी अपडेट कर रहे हैं.

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मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, चंद लोगों ने माफिया बनाया हुआ था इसे तोड़ने में समय लग रहा है. कुछ अस्पताल पावरफुल हैं जिनकी राजनीतिक दलों में पहचान है, अस्पताल वाले अब धमकी दे रहे हैं लेकिन इलाज तो करना ही पड़ेगा. वो पार्टी के आकाओं से कुछ नहीं करवा सकते, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. सभी प्राइवेट अस्पतालों के मालिकों को शुक्रवार से बुलाया जा रहा है, साफ निर्देश है कि कोरोना मरीजों का इलाज करना ही पड़ेगा.

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