फ्री मुद्दे पर कोसने वाले को स्वतंत्रता दिवस पर केजरीवाल का जवाब

73 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केजरीवाल ने कोसने वाले और विरोधियों को अपने ही अंदाज में जवाब देते हुए कहा दिल्ली वालों के जो पैसे कल तक चोरी हो जाया करते थे उसी पैसे को रात दिन मेहनत करके बचाकर दिल्ली के लोगों को सुविधा दे रहा हूं.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST

73 वें स्वतंत्रता दिवस पर केजरीवाल ने कोसने वाले और विरोधियों को अपने ही अंदाज में जवाब दिया और एक और फ्री योजना की घोषणा भी कर दी कि आने वाली 29 अक्टूबर से दिल्ली की डीटीसी, क्लस्टर बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर मिलेगा. केजरीवाल ने कहा,  हम जनतंत्र में रहते हैं जहां पर जनता ही मालिक है और जनता का सेवक होने के नाते मेरा यह फर्ज बनता है.

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केजरीवाल ने विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैं पैसे खा नहीं रहा, पैसे का गबन नहीं कर रहा, पैसे की चोरी नहीं कर रहा, चोरी के पैसे स्विस बैंको में जमा नहीं करा रहा. दिल्लीवालों के जो पैसे कल तक चोरी हो जाया करते थे उसी पैसे को रात दिन मेहनत करके बचाकर दिल्ली के लोगों को सुविधा दे रहा हूं.

छत्रसाल स्टेडियम में भाषण के केजरीवाल ने वहां मौजूद बच्चों से पूछा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा क्या फ्री नही देना चाहिए? वहां मौजूद बच्चों ने कहा मिलनी चाहिए. विरोधी कहते हैं कि फ्री शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए. दूसरा सवाल केजरीवाल ने पूछा क्या मोहल्ला क्लीनक में फ्री दवाइयां, फ्री टेस्ट या इलाज नहीं होना चाहिए? बचाकर बिजली पानी मुफ्त कर दिया तो बताइए क्या गलत किया.

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आगे उन्होंने कहा आज मंदी का दौर है. चारों तरफ अर्थव्यवस्था में मंदी चल रही है. तनख्वाह बढ़ नहीं रही, व्यापार बन्द हो रहे हैं. खर्चे बढ़ रहे हैं अगर आपका मुख्यमंत्री होने के नाते  बिजली पानी फ्री करके आपकी जेब में हर महीने तीन चार हजार डाल देता तो क्या गलत किया ?

केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश में महिलाओं को समान अधिकार मिलता है तो इस देश में लड़की की हत्या गर्भ में ही क्यों कर दी जाती है. अगर किसी को एक बेटा और एक बेटी है तो ऐसे मां-बाप सिर्फ बेटे को ही क्यू पढ़ाते हैं. दिल्ली में कामकाजी लोगों में 11 प्रतिशत महिलाएं हैं. मेट्रो में केवल 30 प्रतिशत महिलाएं सफर करती हैं बाकी 70 प्रतिशत आदमी सफर करते हैं. तो कैसे कह सकते हैं कि महिलाओं को बराबरी का अधिकार है. महिलाओं को सपने पूरे करने के लिए बहुत बड़ी सहायता मिल रही है.  

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