गुरु तेग बहादुर अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में इलाज के दौरान नशे में धुत एक मरीज ने हंगामा कर दिया. जिससे हॉस्पिटल में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई. इस दौरान मरीज ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों को धमकाया और फर्नीचर भी तोड़ दिया. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी.
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि सोमवार शाम को एक मरीज जांच के दौरान हिंसक हो गया, उसने डॉक्टरों, नर्सों और ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया व उन पर हमला करने का प्रयास किया.
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बयान में कहा गया कि मरीज ने केबिन के विभाजन को भी तोड़ दिया और कांच के फर्नीचर को भी तोड़ डाला. आरडीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने बताया कि न्यूरोसर्जरी विभाग में दुर्व्यवहार की घटना हुई, जहां एक मरीज ने न केवल ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि अस्पताल की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया.
शर्मा ने कहा कि आरडीए ने प्रशासन को हिंसा की रिपोर्ट करते हुए एक पत्र सौंपा है, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. प्रशासन को मामले को लेकर कई बार शिकायत भी की जा चुकी है. बावजूद इसके सुनवाई नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के ऐसे कृत्य अस्वीकार्य हैं. इस तरह की घटनाएं न हों इसलिए हम अस्पताल में और अधिक गार्डों की तैनाती की मांग कर रहे हैं.
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