प्रकाशन संस्था 'ब्लूम्सबेरी इंडिया' ने दिल्ली हिंसा से जुड़ी एक किताब "Delhi Riots 2020 - The Untold Story" को प्रकाशित नहीं करने का फैसला किया है. इस फैसले को लेकर अब प्रकाशन संस्था पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने प्रकाशक के हाथ खींचने को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. बीजेपी नेता ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा, एक किताब से डर गए अभिव्यक्ति की आजादी के फर्जी ठेकेदार, ये किताब छ्प ना जाएं, ये किताब कोई पढ़ ना लें, तुम्हारा ये डर इस किताब की जीत है, तुम्हारा ये डर हमारी सच्चाई की जीत है.
कपिल मिश्रा ने बाद नें एक और ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने कहा, ''ब्लूम्सबेरी इंडिया' को "Delhi Riots 2020 - The Untold Story" के लेखकों ने नोटिस भेजा है. प्रकाशन संस्था के खिलाफ इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह मामला विश्वास तोड़ने का है, इसलिए कानून सजा मिलनी चाहिए.'
इस ट्वीट में उन्होंने किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा का नोटिस भी संलग्न किया है. जिसमें लेखिका ने प्रकाशन संस्था से जवाब देने को कहा है.
हालांकि एक अन्य ट्वीट में कपिल मिश्रा ने बताया है कि गरुड़ प्रकाशन इस किताब को प्रकाशित करने जा रहा है और जल्द ही इसकी एडवांस बुकिंग शुरू हो जाएगी. ये किताब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी.
बता दें, "Delhi Riots 2020 - The Untold Story" किताब को लेकर 22 अगस्त को एक कार्यक्रम रखा गया था. प्रकाशन संस्था का कहना है कि उन्हें इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी. यह किताब सितंबर महीने में लॉन्च होने वाली थी. यह किताब फरवरी महीने में दिल्ली में हुई हिंसा पर आधारित है. मोनिका अरोड़ा, सोनाली चितलकर, प्रेरणा मल्होत्रा ने मिलकर इस किताब को लिखा है.
23 नेताओं की चिट्ठी, बदलाव की मांग, इन हालात में सोनिया बोलीं- कांग्रेस चुने नया अध्यक्ष
'ब्लूम्सबेरी इंडिया' पहले इस किताब को छाप रही थी. ये यूनाइटेड किंगडम (यूके) का प्रकाशन हाउस है और लंदन में इसका हेडक्वार्टर है. भारत में इसका ब्रांच ब्लूम्सबेरी इंडिया के नाम से स्थापित है.
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को कार्यक्रम के दिन विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. किताब को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव वर्चुअली लॉन्च करने वाले थे. कपिल मिश्रा के अलावा तीनों ऑथर और फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री को भी कार्यक्रम में शामिल होना था.
किताब की लॉन्चिंग में जिन लोगों को बुलाया जा रहा था, उसको लेकर सोशल मीडिया पर तमाम लेखकों, पत्रकारों और एक्टिवस्ट ने विरोध जताया. इसमें दावा किया गया कि यह किताब एक कम्युनिटी को टारगेट करने वाली और नफरत फैलाने वाली है. जबकि दूसरे पक्ष ने दावा किया कि किताब रिसर्च, इंटरव्यू और तथ्यों पर आधारित है. जिसके बाद ब्लूम्सबरी ने किताब का प्रकाशन नहीं करने की घोषणा की है.
'ब्लूम्सबेरी इंडिया' ने एक बयान जारी कर कहा कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्के हिमायती हैं लेकिन समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर भी उतने ही सचेत हैं.
नेतृत्व विवाद के बीच अध्यक्ष पद छोड़ेंगी सोनिया गांधी, कांग्रेस को चुनना होगा नया मुखिया
उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी को हिंसा भड़कने के पहले कपिल मिश्रा समेत कई नेताओं पर भड़काऊ भाषण दिये जाने के आरोप लगे थे. सीएए के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हुए थे.
aajtak.in