आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में चुनाव याचिका फाइल की गई है जिसमें उनका चुनाव रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि देवली से विधायक प्रकाश जारवाल की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी लेकिन उन्होंने गलत जानकारी देकर इस सीट से चुनाव लड़ा. याचिका में कहा गया है कि प्रकाश जारवाल बैरवा जाति से हैं लेकिन दिल्ली की लिस्ट में बैरवा जाति अनुसूचित जाति की लिस्ट में शामिल नहीं है बल्कि यह जाति ओबीसी की कैटेगरी में आती है. उसके बावजूद प्रकाश जारवाल ने अनुसूचित जाति सीट पर चुनाव लड़ा.
यह याचिका जारवाल के इलाके से चुनाव लड़ चुके डाल चंद कपिल की तरफ से लगाई गई है. दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई में इस मामले में चुनाव आयोग और विधायक प्रकाश जारवाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. कोर्ट की तरफ से चुनाव आयोग और विधायक को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस वक्त प्रकाश जारवाल ने अपना चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भरा था, उस वक्त भी उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी लेकिन चुनाव आयोग ने प्रकाश जारवाल को चुनाव लड़ने से नहीं रोका. इसके बाद उन्होंने मार्च में दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया लेकिन कोरोना के चलते इस मामले में कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई.
देवली से विधायक प्रकाश जारवाल ने दिल्ली के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र नंबर-47 से अपना पर्चा भरा था. दिल्ली की इस सीट पर वे पहले भी इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे. याचिकाकर्ता का कहना है कि अनुसूचित जाति के नहीं होने के बावजूद धोखाधड़ी से विधायक ने न सिर्फ चुनाव लड़ा बल्कि अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति की सीट को भी हड़प लिया. लिहाजा कोर्ट विधायक प्रकाश जारवाल के चुनाव को रद्द करने का आदेश दे.
याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील महमूद प्राचा ने 'आजतक' से बातचीत करते हुए कहा कि इस याचिका के माध्यम से कोर्ट में एक तकनीकी और कानूनी सवाल उठाया गया है कि क्या किसी रिजर्व सीट पर एक ऐसा उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है जो अनुसूचित जाति से नहीं है. महमूद प्राचा ने बताया कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट की धारा 5 के मुताबिक ऐसा करना गैरकानूनी है. लिहाजा चुनाव लड़ने के दौरान प्रकाश जारवाल को अनुचित लाभ मिला जिसके खिलाफ हमने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली हाई कोर्ट इस चुनाव याचिका पर अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को करेगी.
पूनम शर्मा