दिल्ली के द्वारका सेशन कोर्ट ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के 5 मई के फैसले को रद्द कर दिया है. दरअसल, पांच मई को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने एक आदेश दिया था. जिसके अंतर्गत पकड़े गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को न्यायिक अधिकारियों और पुलिस परिवारों को आवंटित कर दिया गया था. द्वारका कोर्ट ने आज शनिवार को इसी फैसले को कैंसिल कर दिया है.
कोर्ट का कहना है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का बंटवारा, सरकार तय करेगी. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट भावुक होकर यह फैसला किया था क्योंकि दो न्यायिक अधिकारियों ने कोरोना से लड़ते हुए अपनी जान दे दी थी.
कोर्ट ने कहा कि जब मैं यह फैसला लिख रहा हूं, न्यायिक बिरादरी ने एक और अधिकारी को खो दिया है. उनकी मौत भी कोरोना से लड़ते हुए ही हुई है. बता दें कि दिल्ली के द्वारका कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कामरान खान की मंगलवार को कोरोना से मौत हो गई थी. इससे पहले वे साकेत कोर्ट में तैनात थे. आज वे कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई हार गए.
अदालत और पुलिसकर्मी करें इस्तेमाल- कोर्ट
इससे पहले द्वारका थाना पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारकर द्वारका इलाके से कुल 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए थे. इस संबंध में विनय अग्रवाल और आकाश वशिष्ठ नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए द्वारका अदालत में की गई.
द्वारका कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के बाद ऑर्डर में कहा कि 2 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर डीसीपी द्वारका को रिलीज की जाए, ताकि कोरोना पॉजिटिव पुलिसकर्मी उनका इस्तेमाल कर सकें. साथ ही 3 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रिंसिपल डिस्ट्रिक और सेशन जज (हेडक्वार्टर) को, 2 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज (हेड क्वार्टर) द्वारका को, 3 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज साकेत और 2 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कोविड हेल्थ सेंटर एयर दिल्ली ज्यूडिशियल एकेडमी को रिलीज की जाए.
पूनम शर्मा