दिल्ली के मंडावली में भूख से तीन बच्चियों की मौत के मामले को लेकर अभी तक लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. मामले को लेकर दिल्ली सचिवालय के बाहर तकरीबन 500 लोगों ने प्रदर्शन किया. बता दें कि इस घटना को करीब एक महीना बीत चुका है.
एक NGO चलाने वाली अंजलि भारद्वाज का मामले में कहना है कि मंडावली में बच्चियों की भूख से मौत की घटना को पूरा एक महीना बीत चुका है. आज दिल्ली के सभी जिलों से सचिवालय के बाहर इसलिए लोग इकट्ठा हुए हैं, क्योंकि एक उम्मीद है कि सरकार अब कम से कम कोई ठोस कदम उठाएगी, ताकि आगे इस तरह की दर्दनाक घटनाएं न हों.
देश में खाद्य सुरक्षा कानून पास हो चुका है, उसके तहत दिल्ली सरकार को नियम बनाने थे और नियमों में यह लिखा जाना चाहिए था कि सोशल ऑडिट कैसे होगा? दिल्ली में एक खाद्य आयुक्त की नियुक्ति होनी थी और खाद्य आयोग बनाया जाना था. मगर चार साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक कोई आयोग नहीं बना है.
प्रदर्शन में शामिल अंजलि भारद्वाज ने कहा कि मंडावली में जहां पर बच्चियों की मौत हुई, वहां पर लोग गए तो मालूम पड़ा है कि उस स्थान पर आंगनबाड़ी सही से नहीं चल रही है. अगर दिल्ली में खाद्य निगम नहीं बनेगा, तो लोगों की मौत इसी तरह से होती रहेगी.
प्रदर्शन में शामिल रहीं अमृता जोहरी का कहना है कि हम लोगों ने मांग रखी है कि खाद्य आयोग बनाया जाए और सोशल ऑडिट हो, ताकि बच्चों को दूध, अंडा और फल समेत अन्य पौष्टिक आहार मिल सकें.
वहीं, खाद्य सुरक्षा मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को सरकार की तरफ से कह दिया गया कि खाद्य मंत्री दिल्ली में नहीं हैं. जब खाद्य मंत्री दिल्ली में आएंगे तो जनता के साथ उनकी मीटिंग होगी. प्रदर्शनकारियों ने अपील की कि खाद्य आयुक्त की नियुक्ति की मांग जल्द पूरी की जाए, वरना इस मुद्दे को लेकर वे लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
राम कृष्ण / मणिदीप शर्मा