राजधानी में कुछ यूं नजर आई पिंक राहगीरी की रौनक

कैंसर और मेंटल हेल्थ जैसे गंभीर मुद्दों को डांस, टैटू और म्यूजिक के जरिए समझाया गया, ताकि लोग इन मुद्दों को समझने के साथ-साथ राहगीरी के कांसेप्ट को भी एन्जॉय कर सके

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राहगीरी में हुए अवेयरनेस प्रोग्राम राहगीरी में हुए अवेयरनेस प्रोग्राम

अंजलि कर्मकार / प्रियंका सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 2:38 PM IST

संडे यानी फंडे और इसी फन को दुगुना करता है राहगीरी. इसीलिए रविवार को राहगिरी की रौनक में गुलाबी रंग छाया रहा, जो एक साथ कई सारे मैसेज देता है. हाल ही में चर्चा बटोर चुकी फिल्म पिंक ने गुलाबी रंग के मायने बदल दिए हैं. इसीलिए आज राहगीरी में भी इसी पिंक के जरिए कैंसर प्रिवेंशन, ब्लड डोनेशन और मेंटल हेल्थ जैसे मुद्दों के लिए अवेयरनेस फैलाने की कोशिश की गई, जिसे लोगों ने खूब एन्जॉय किया.

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कैंसर और मेंटल हेल्थ जैसे गंभीर मुद्दों को डांस, टैटू और म्यूजिक के जरिए समझाया गया, ताकि लोग इन मुद्दों को समझने के साथ-साथ राहगीरी के कांसेप्ट को भी एन्जॉय कर सके. सुबह-शाम की भाग दौड़ ने लोगों की लाइफ स्टाइल पर असर डाला है. ऐसे में राहगीरी के बहाने लोग सुबह जल्दी उठते हैं, साइकिलिंग करते हैं और डांस करते हैं. गिटार और म्यूजिक बैंड्स ने भी यहां लोगों को गाने और झुमने पर मजबूर कर दिया.

इसके अलावा डांस की भी अलग-अलग स्टाइल छाई रही, जिसमें अरुणाचल का फोक डांस जुम्बा और डंडिया जैसी इंडोवेस्टर्न डांस स्टाइल से लोगों ने इस राहगीरी का लुत्फ़ उठाया. बच्चे, बूढ़े, जवान हर कोई अपनी मस्ती में झूमता हुआ राहगीरी का मज़ा लेने में मस्त था.

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