लोगों के अंदर कोरोना की दहशत इस कदर फैल चुकी है कि अब अपने ही अपनों के पास जाने से घबराने लगे हैं. दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP) में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. अस्पताल प्रशासन के पास एक ही नाम के दो कोरोना मरीजों का शव था. इस वजह से उन्होंने परिवार वालों को गलत बॉडी दिखाई. परिजन भी इतने डरे हुए थे कि उन्होंने दूर से ही लाश की शिनाख्त कर ली. इतना ही नहीं उन्होंने डेड बॉडी को दफ्ना भी दिया.
दरअसल दोनों मृतकों का नाम मोइनुद्दीन था. एक परिवार वाले जब बॉडी लेने आए तो उन्होंने चेहरे को ठीक से नहीं देखा. क्योंकि उनके कद-काठी सामान थे तो वो जल्दी-जल्दी में शव पहचानने में गलती कर बैठे और 6 जून को रीति-रिवाज के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया.
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बाद में जब दूसरे परिवार वाले पहुंचे तो उन्होंने पाया कि उन्हें जो बॉडी दी जा रही है वो उनके परिजन का नहीं है. तब जाकर पूरा मामला खुला.
अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को लेकर कहा कि एक नाम ही के दो व्यक्तियों की लाश की अदला बदली हुई, क्योंकि मरने के बाद चेहरा बिगड़ने लगता है, साथ ही उनकी चमड़ी अकड़ने लगती है. परिजनों को भी जब बॉडी दिखाई तो वो इस क्षति की वजह से इमोशनली परेशान थे, साथ ही कोरोना के डर से उन्होंने दूर से ही लाश देखकर तस्दीक कर दी.
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अस्पताल प्रशासन ने बताया कि दोनों बॉडी की कद काठी भी एक जैसी ही थी, इसलिए बॉडी पहचानने में गलती हुई. दोनों परिवार वालों से हमारी बातचीत हो गई है. दोनों के बीच सहमति भी बन गई है. अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है. हालांकि हमलोग कोशिश करेंगे कि आगे से कभी भी इस तरह की गलती नहीं दोहराएं.
राम किंकर सिंह / मिलन शर्मा