दिल्ली हाईकोर्ट ने देवली से विधायक प्रकाश जारवाल की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं कोर्ट ने पुलिस को आत्महत्या करने वाले डॉक्टर के सुसाइड नोट और डायरी को शुक्रवार शाम तक अदालत में दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. इसी सुसाइड नोट में विधायक प्रकाश जारवान का नाम आने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें पिछले साल 9 मई को गिरफ्तार किया था.
वहीं, दिल्ली पुलिस ने प्रकाश जारवाल की तरफ से लगाई गई जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया. दिल्ली पुलिस का कहना है, तीसरी बार विधायक बने जारवाल अपने इलाके के प्रभावशाली शख्स हैं, अगर इस मामले में उन्हें अभी जमानत दी गई, तो इससे पूरे मामले की जांच और गवाह प्रभावित हो सकते हैं.
विधानसभा क्षेत्र के काम रुके पड़े हैं: जारवाल
प्रकाश जारवाल की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच पूरी होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. पिछले महीने 17 मई से वो न्यायिक हिरासत में हैं. विधायक होने के नाते उनके अपने विधानसभा क्षेत्र के काम रुके पड़े हैं, क्योंकि वे जेल में हैं.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
प्रकाश जारवाल की ओर से पेश वकील रबेका जोन ने कोर्ट को बताया कि आत्महत्या करने वाले डॉक्टर राजेंद्र के लिखे गए सुसाइड नोट में अलग-अलग स्याही का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा हैंडराइटिंग भी अलग-अलग है.
सुसाइड नोट के दूसरे हिस्से में सिग्नेचर नहीं: वकील
जारवाल की वकील का कहना था कि सुसाइड नोट के दूसरे हिस्से में डॉक्टर ने अपने सिग्नेचर भी नहीं किए हैं, जिससे यह संदेह पैदा हो रहा है कि क्या पूरा सुसाइड नोट डॉक्टर द्वारा ही लिखा गया या उनके आत्महत्या के बाद वह सुसाइड नोट में किसी और पेन का इस्तेमाल कर कुछ और लिखकर चीजों को जोड़ा गया, जिससे विधायक को इस मामले में फंसाया जा सके.
जमानत अर्जी पर बहस के दौरान प्रकाश जारवाल के वकील की तरफ से कहा गया कि दिल्ली पुलिस सिर्फ 6 पेज के सुसाइड नोट के बारे में बात कर रही है, जबकि सुसाइड नोट और डायरी के कुल पन्ने मिलाकर 49 पेज है.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
इसके अलावा दिल्ली पुलिस अपनी जांच में अभी तक विधायक के खिलाफ ना तो टैंकर माफिया से संबंध होने को साबित कर पाई है और ना ही विधायक के पास से अवैध रूप से संपत्तियों का कोई खुलासा पुलिस ने किया है, जिसका पुलिस ने दावा किया था.
प्रकाश जारवाल की जमानत अर्जी को निचली अदालत दो बार खारिज कर चुकी है, लेकिन इस मामले में उनके रिश्तेदार हरीश जारवाल और भाई अनिल जारवाल को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें
पूनम शर्मा