दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के लिए दी SMC फंड को मंजूरी

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि एसएमसी के तहत अगर किसी स्कूल सें 1500 तक बच्चे हैं तो उस स्कूल की एसएमसी को 5 लाख रुपये दिये जाएंगे.

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मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो, आजतक) मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो, आजतक)

परमीता शर्मा / पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 3:00 AM IST

दिल्ली सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों के लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटी फंड (एसएमसी फंड) को मंजूरी दे दी है. इसके तहत हर स्कूल की हर पाली की एसएमसी को कम से कम 5 लाख रुपये का सालाना फंड दिया जाएगा. बता दें कि एसएमसी के प्रमुख प्रिंसिपल होते हैं. इसके अलावा इस टीम में दो टीचर, दो सोशल वर्कर और 12 चुने हुए पैरेंट्स होते हैं.

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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि एसएमसी के तहत अगर किसी स्कूल सें 1500 तक बच्चे हैं तो उस स्कूल की एसएमसी को 5 लाख रुपये दिये जाएंगे. इसी तरह 1501 से लेकर 2500 तक की संख्या वाले स्कूलों को 6 लाख रुपये दिए जाएंगे. अगर किसी स्कूल में बच्चों की संख्या 2500 से ऊपर है तो उस स्कूल की एसएमसी को 7 लाख रुपये सालाना दिया जाएगा.

सिसोदिया ने बताया कि इस फंड का 50 फीसदी पैसा मेंटेनेंस संबंधी कार्यों पर और बाकी 50 फीसदी पैसा एमएमसी इनीशियेटिव पर खर्च किया जा सकेगा. इस पैसे को किस काम के लिए खर्च करना है, इसका फैसला प्रिंसिपल और उनकी एसएमसी की टीम करेगी. एसएमसी इनीशियेटिव के तहत अब प्रिंसिपल और उनकी एसएमसी टीम अपने स्कूल के बच्चों के लिए विभिन्न विषयों और अन्य गतिविधियों की तैयारी के लिए रिसोर्स पर्सन या एक्सपर्ट बुला सकेंगे.

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अगर कोई प्रिंसिपल और उनकी एसएमसी टीम ये चाहती है कि उनके 9वीं और 10वीं के बच्चों को कुछ विषय (टॉपिक) को समझने में दिक्कत आ रही है और उन विषयों को समझाने के लिए एक्सपर्ट की जरूरत है तो इस फंड से एक्सपर्ट बुलाया जा सकेगा.

इन जगहों पर हो सकेगा फंड का इस्तेमाल

दिल्ली सरकार का दावा है कि एसएमसी फंड के जरिये अगर स्कूल प्रिंसिपल और एसएमसी टीम को लगे कि उनके स्कूल के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ, आर्किटेक्चर, सीए इत्यादि की तैयारी के लिए रिसोर्स पर्सन की जरूरत है तो ये काम भी इस फंड से किया जा सकेगा. इंग्लिश स्पीकिंग क्लास भी इस फंड के जरिये लगवाई जा सकेंगी. इस फंड के जरिये करियर ऑप्शन संबंधी जागरुकता के लिए भी अधिकतम 15 दिनों का लेक्चर कराया जा सकेगा. रिसोर्स पर्सन या एक्सपर्ट को 1000 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से दिया जाएगा.

बहुत से काम खुद करवा सकेंगे प्रिंसिपल

कैबिनेट की बैठक के बाद दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रिंसिपलों को सशक्त करने की दिशा में ये एक पहल है. अभी तक प्रिंसिपल हर छोटी-छोटी जरूरत के लिए शिक्षा निदेशालय पर निर्भर रहते थे, अब वो बहुत सारे काम खुद करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल गवर्नेंस की दिशा में ये अब तक का सबसे बड़ा कदम है. प्रिंसिपल और चुनी हुई एसएमसी अब मिलकर स्कूल चलाएंगे.

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आपको बता दें कि दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में 13 अक्टूबर को एसएमसी मीटिंग बुलाई जा रही है. इनमें सभी पैरेंट्स को भी बुलाया जाएगा. इस मीटिंग में एसएमसी के गठन के बारे में बताकर सभी सदस्यों का परिचय करवाया जाएगा. इसके अलावा दिल्ली सरकार 20 अक्टूबर को अपने सभी सरकारी स्कूलों में मेगा पैरेंट्स टीचर मीटिंग आयोजित करवाएगी.

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