आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से आश्रम चलाने वाले बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है. कोर्ट ने तुरंत प्रभाव से आश्रम के नाम से 'यूनिवर्सिटी' शब्द हटाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि आप कोई भी ऐसी शिक्षा नहीं दे रहे हैं जो नियमों के मुताबिक आश्रम को यूनिवर्सिटी का दर्जा देती हो.
कोर्ट ने यूनिवर्सिटी शब्द के इस्तेमाल को बताया गैरकानूनी
एक लंबी सुनवाई के बाद अपना आदेश सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि आप सीधे तौर पर UGC एक्ट 1956 का सीधा उल्लंघन कर रहे हैं. सेक्शन 2, 3 और 23 के तहत UGC से मान्यता के बगैर कोई भी संस्थान अपने को यूनिवर्सिटी घोषित नहीं कर सकता. इस लिए ये पूरी तरह से गैरकानूनी है. इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.
सीबीआई ने आज कोर्ट को बताया कि वह बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित को सरगर्मी से ढूंढ रही है. उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है. कोर्ट ने 2 दिन में इस मामले में सीबीआई को हलफनामा देने को कहा है, जिसमें उसे जगह-जगह चल रहे बाबा के आश्रम और यूनिवर्सिटी की जानकारी देनी पड़ेगी और साथ ही यह भी कि कोर्ट के आदेश का पालन हुआ या नहीं.
हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया है कि बाबा के आश्रम में बंद लड़कियों के माता-पिता को उन से मिलवाने में पूरी मदद करें. कोर्ट को शिकायतें मिली थी कि याचिका पर सुनवाई और कोर्ट के आदेश के बाद भी आश्रम के लोग लड़कियों को उनके माता-पिता से मिलने नहीं दे रहे हैं.
देशभर में फैला है आश्रमों को जाल
भारत के 5 राज्यों और नेपाल में वीरेंद्र देव दीक्षित के लगभग दो सौ आश्रम हैं. दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा और राजस्थान में वीरेंद्र देव के कई आश्रम मौजूद हैं. उसका मुख्यालय राजस्थान के माउंट आबू में है, जहां वो सबसे ज्यादा रहता था. नेपाल की राजधानी काठमांडू के आसपास भी वीरेंद्र दीक्षित का आश्रम है.
रणविजय सिंह / पूनम शर्मा