कोरोना की मार: 44 किमी साइकिल चला कर अस्पताल पहुंचता है यह सफाई कर्मचारी

देशराज ने कहा, घर में पोता-पोती हैं, उनसे मिलने से पहले घर के बाहर अच्छे से हाथ और मुंह साफ करता हूं. महामारी की वजह से कोई कीटाणु घर के अंदर न जाए, इसलिए कपड़े बाहर ही धो लेता हूं, कुछ देर बाहर बैठकर चाय भी पीता हूं. देशराज ने बताया कि कभी-कभी अस्पताल में डबल शिफ्ट भी करनी पड़ती है.

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सफाई कर्मचारी देशराज जो अपने गांव से हर दिन दिल्ली में अस्पताल का आते हैं सफाई कर्मचारी देशराज जो अपने गांव से हर दिन दिल्ली में अस्पताल का आते हैं

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

  • साहिबाबाद के एक गांव से रोज 44 किमी का सफर
  • आरएमएल अस्पताल में सफाई कर्मचारी हैं देशराज

कोरोना वायरस से सबसे आगे रहकर जंग लड़ रहे डॉक्टर और सफाई कर्मचारी तमाम चुनौतियों के बावजूद अपनी जिम्मेदारी निभाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. इसके बावजूद कुछ ऐसे भी वाकये सामने आ रहे हैं जिसमें सफाई कर्मचारियों के लिए सरकार और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है.

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एक ऐसी ही कहानी देशराज की है जो सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं. पिछले 30 साल से दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में काम कर रहे देशराज साइकिल से 44 किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल आने और घर जाने के लिए मजबूर हैं. 54 साल के देशराज से 'आजतक' संवाददाता की मुलाकात दिल्ली सचिवालय के नजदीक तब हुई जब वे सड़क किनारे, थककर पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे.

बातचीत के दौरान देशराज ने बताया कि उनका घर साहिबाबाद के कड़कड़ गांव में है. उन्होंने कहा, "मेरा घर साहिबाबाद के कड़कड़ गांव में है. आरएमएल अस्पताल से कड़कड़ गांव के बीच 22 किलोमीटर की दूरी है. इस उम्र में भी रोजाना 44 किलोमीटर साइकिल से आना-जाना करता हूं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. लॉकडाउन का बहुत अच्छा फैसला लिया है.''

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देशराज ने आगे कहा, "मैं पिछले 30 साल से आरएमएल अस्पताल में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहा हूं. मैं थक गया था तो कुछ देर बैठ गया. सुबह साइकिल से अस्पताल गया और अब साइकिल से घर जा रहा हूं. मेरी 3 बजकर 10 मिनट पर छुट्टी हो गई थी, साइकिल चलाकर थक गया तो यहां आराम करने बैठ गया."

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चाय पीने के शौकीन देशराज ने बताया कि सफाई कर्मचारी होने के नाते घर जाकर वो किस तरह खुद को सैनिटाइज करते हैं. देशराज ने कहा, "घर में पोता-पोती हैं, उनसे मिलने से पहले घर के बाहर अच्छे से हाथ और मुंह साफ करता हूं. महामारी की वजह से कोई कीटाणु घर के अंदर न जाए, इसलिए कपड़े बाहर ही धो लेता हूं, कुछ देर बाहर बैठकर चाय भी पीता हूं."

देशराज ने बताया कि कभी-कभी अस्पताल में डबल शिफ्ट भी करनी पड़ती है. परेशानी का जिक्र करते हुए देशराज ने कहा, "सुबह 6:30 बजे घर से निकलता हूं और ड्यूटी से पहले 7:30 बजे तक अस्पताल पहुंच जाता हूं. रोजाना 8 घंटे की शिफ्ट होती है लेकिन कोरोना वायरस की वजह से अक्सर डबल शिफ्ट करनी पड़ जाती है. कई बार तो अस्पताल में रुकना भी पड़ जाता है."

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आरएमएल अस्पताल में सफाई कर्मचारी देशराज इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते भी नजर आए. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर लॉकडाउन नहीं करते तो चीन, इटली, स्पेन की तरह भारत का हाल होता. लोगों से घर से बाहर न निकलने की अपील करता हूं और प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि थोड़ी दिक्कत होगी लेकिन लॉकडाउन को आगे बढ़ा दीजिए."

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