उबर कंपनी और उससे जुड़ी ड्राइवर एसोसिएशन की लड़ाई दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गई है. दिल्ली में ऐप बेस्ड टैक्सी कैब के ड्राइवर पिछले कुछ दिनों से हडताल पर हैं, जिसको लेकर राजधानी के आम लोग काफी परेशान हैं. लोगों को टैक्सी नहीं मिल रही है जिसकी वजह से दूसरे टैक्सी ड्राइवर मनमाना किराया ले रहे है.
इस मामले में एसोसिएशन के ड्राइवर उबर कंपनी के खिलाफ धरने पर इसलिए बैठे हैं क्योंकि कुछ दिन पहले हौज खास में उबर के एक कैब का एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें ड्राइवर नजरूल की मौत हो गई थी. उबर कंपनी ने नजरूल को मुआवजा देने से मना कर दिया था. इसके अलावा उनकी मांग चार्ज बढ़ाने की भी है, क्योंकि इससे उनका रोजमर्रा का खर्च पूरा नहीं पूरा हो रहा है. इसी तरह उनका कहना है कि कैब कंपनी यात्री पर वेटिंग चार्ज भी बढ़ाकर एक रुपये प्रति मिनट से बढ़ाकर 2 रुपये लगाए.
पी चिदंबरम हैं उबर के वकील
पहले उबर कंपनी की तरफ से याचिका दायर की गई है. कंपनी ने अपनी याचिका में कोर्ट से गुहार लगाया है कि स्ट्राइक करके ड्राइवर उबर टैक्सी को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर चलने नहीं दे रहे हैं और एसोसिएशन के लोग गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर रहे हैं. कंपनी का पक्ष कोर्ट में वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम, दयान क्रिसनन और राज किशोर ने रखा था.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि जो भी लोग गाड़ियों को सड़कों पर चलने नहीं दे रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सर्वोदय एसोसियेशन ऑफ दिल्ली की तरफ से भी हाई कोर्ट में काउंटर एप्लीकेशन फाइल की गई है, जिसमे कहा गया है एसोसिएशन पर गलत आरोप लगाया जा रहा है, उनके लोग कहीं भी तोड़-फोड़ नहीं कर रहे है.
राजधानी दिल्ली में ऐप बेस्ड कंपनी उबर और उसके ड्राइवर अधिकारों को लेकर हाईकोर्ट में आमने-सामने हैं, जिसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी और ड्राइवर एसोसिएशन के अधिकारों की इस लड़ाई में जीत किसकी होती है.
पूनम शर्मा